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उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ (Major Rivers of Uttarakhand)

उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ

उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ (Major Rivers of Uttarakhand) राज्य की सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यावरणीय धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। उत्तराखंड, जिसे ‘देवभूमि’ के रूप में जाना जाता है, यहाँ की नदियाँ न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक पवित्र मानी जाती हैं। इन नदियों का महत्वपूर्ण स्थान भारतीय संस्कृति और परंपराओं में है, जहां हर नदी को एक देवी का रूप माना गया है।

उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ (Major Rivers of Uttarakhand)

यमुना नदी तंत्र

यमुना नदी उत्तरकाशी के बंदरपूंछ पर्वत पर स्थित यमुनोत्री कांठा नामक स्थान से निकलती है। यमुना नदी की उत्तराखंड राज्य में कुल लम्बाई 136 किमी है। यह नदी भारतीय उपमहाद्वीप की महत्वपूर्ण नदियों में से एक मानी जाती है, और हिन्दू धर्म में इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है। यमुना का जल क्षेत्र की कृषि, जलवायु और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. टोंस नदी: यह यमुना की सबसे प्रमुख सहायक नदी है, जो उत्तरकाशी में स्थित स्वर्गारोहाणी हिमनद से निकलने वाली सूपिन नदी और हिमाचल प्रदेश से आने वाली रूपिन नदी के मिलन से बनती है। टोंस नदी को तमसा नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी कालसी में यमुना से मिलती है।
  2. ऋषि गंगा: यह भी यमुना की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है।
  3. हनुमान गंगा: यह नदी भी यमुना के जलग्रहण क्षेत्र का हिस्सा है।
  4. भाद्रिगाड: यह नदी यमुना की सहायक नदियों में एक और महत्वपूर्ण नदी है।
  5. कमलगाड़: यह भी यमुना के जलक्षेत्र को बढ़ाने वाली एक सहायक नदी है।
  6. गिरी नदी: यह भी यमुना की एक सहायक नदी है, जो इस नदी के जलग्रहण में योगदान करती है।

इन सहायक नदियों के मिलन से यमुना नदी का जल और अधिक समृद्ध होता है, जो उत्तराखंड और इसके आसपास के क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी है।

 गंगा नदी तंत्र

गंगा नदी को गंगा के नाम से देवप्रयाग में जाना जाता है, जहाँ अलकनंदा और भागीरथी नदियाँ मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं। राज्य में देवप्रयाग के बाद गंगा की कुल लम्बाई 96 किमी है। गंगा नदी भारतीय संस्कृति, धर्म और जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसकी सहायक नदियाँ भी इस नदी के जलग्रहण क्षेत्र का अहम हिस्सा हैं। गंगा नदी को लेकर भारतीय समाज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ गहरी हैं।

गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं:

1. भागीरथी

भागीरथी नदी उत्तरकाशी में स्थित गोमुख नामक स्थान से निकलती है। भागीरथी की प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं:

  • रुद्रगंगा
  • जान्हवी
  • सियागंगा
  • भिलंगना (यह नदी पुरानी टिहरी (गणेश प्रयाग) में भागीरथी से मिलती है, और यह खतलिंग ग्लेशियर से निकलती है)
  • मिलुन गंगा
  • केदार गंगा

भागीरथी नदी की लम्बाई गोमुख से देवप्रयाग तक 205 किमी है, और देवप्रयाग में यह अलकनंदा से मिलकर गंगा नदी का रूप लेती है।

2. अलकनंदा

अलकनंदा नदी चमोली के सतोपंथ ग्लेशियर से निकलती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं:

  • सरस्वती
  • लक्ष्मण गंगा
  • विष्णु गंगा
  • पाताल गंगा
  • नंदाकिनी
  • पिंडर
  • मन्दाकिनी
  • कंचन गंगा
  • क्षीर गंगा
  • सोनधारा

अलकनंदा से मिलती हुई नदियाँ:

  • केशव प्रयाग (चमोली) में सरस्वती नदी
  • विष्णु प्रयाग (चमोली) में विष्णु गंगा
  • नंदप्रयाग (चमोली) में नंदाकिनी
  • कर्णप्रयाग (चमोली) में पिंडर
  • रुद्रप्रयाग में मन्दाकिनी
  • देवप्रयाग में भागीरथी नदी

3. नयार

गंगा नदी में नयार नदी पौड़ी के फूलचट्टी नामक स्थान पर मिलती है। नयार नदी पूर्वी नयार और पश्चिमी नयार के मिलाने से बनती है।

इन सहायक नदियों का गंगा नदी पर अत्यधिक प्रभाव है, और ये सभी नदियाँ गंगा के जलग्रहण क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। गंगा की नदियाँ न केवल जल स्रोत हैं, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है। 

काली (शारदा) तंत्र

काली नदी पिथोरागढ़ जनपद में स्थित लिपुलेख के पास में स्थित कालापानी नामक स्थान से निकलती है , काली की प्रमुख सहायक नदियाँ पूर्वी धौलीगंगा , गोरी गंगा , सरयू , लोहावती , लधिया , कुठीयान्गटी आदि है 
काली नदी से खेला नामक स्थान पर पूर्वी धौलीगंगा ,  जौलजीवी में गोरी जो मिलम हिमनद से निकलती है , पंचेश्वर में सरयू तथा  चम्पावत में लाधिया नदी मिलती है 
सरयू नदी बागेश्वर के सरमूल नामक स्थान से निकलती है इसकी सहायक नदी गोमती ,  पनार , पूर्वी रामगंगा आदि है 

पश्चिमी रामगंगा नदी

पश्चिमी रामगंगा नदी दूधातोली श्रेणी से निकलती है

कोसी नदी

कोसी नदी कौसानी की पहाड़ियों से निकलती है कुमाऊं में इसकी घाटी को धान का कटोरा कहा जाता है 

दाबका नदी

यह नैनीताल के गरमपानी नामक स्थान से निकलती है 

 गौला नदी

यह नैनीताल के पहाड़ पानी  नामक स्थान से निकलती है 

उत्तराखंड में नदियों के संगम

  • विष्णु प्रयाग (चमोली ) – अलकनंदा व विष्णु गंगा 
  • नन्द प्रयाग (चमोली) – अलकनंदा व नंदाकिनी 
  • कर्ण प्रयाग (चमोली) – अलकनंदा व पिंडर 
  • रूद्र प्रयाग – अलकनंदा व मन्दाकिनी 
  • देव प्रयाग (टिहरी गढ़वाल) – अलकनंदा व भागीरथी 
  • गणेश प्रयाग (टिहरी गढ़वाल) – भागीरथी व भिलंगना 
  • केशव प्रयाग (चमोली ) – अलकनंदा व सरस्वती 
  • ऋषिकेश (देहरादून) – गंगा व चंद्रभागा 
  • जौलजीवी (पिथोरागढ़) – काली व गोरी
  • कालसी (देहरादून) – यमुना व टोंस 
  • गंगोत्री (उत्तरकाशी)– भागीरथी व केदार गंगा 
  • बागेश्वर – सरयू व गोमती 

नदी किनारे बसे नगर

  • हरिद्वार – गंगा 
  • श्रीनगर (पौड़ी) – अलकनंदा 
  • केदारनाथ (रूद्र प्रयाग) – मन्दाकिनी 
  • कौसानी (बागेश्वर) – कोसी 
  • गोपेश्वर (चमोली) -अलकनंदा 
  • जोशीमठ (चमोली) – अलकनंदा 
  • उत्तरकाशी – भागीरथी 
  • टनकपुर (चम्पावत) – काली 

उत्तराखंड की प्रमुख नदियों की दूरी

नाम कहाँ से कहाँ तक दूरी(km) 
काली लिपुलेख – टनकपुर244
भागीरथी गोमुख – देवप्रयाग238
अलकनंदा बद्रीनाथ – देवप्रयाग265
कोसी कौसानी -सुल्तानपुर168
रामगंगा पश्चिमी दूधातोली – कलागड़155
टोंस हर की दून – डाक पत्थर148
सरयू झुंडी – पंचेश्वर211
यमुना यमुनोत्री – ढालिपुर136
 पिंडारी पिंडारी – कर्णप्रयाग105
रामगंगा पूर्वी नामिक ग्लेशियर –रामेश्वर108
गोरीमिलम – जौलजीवी309
गौलापहाड़पानी -किच्छा102
मन्दाकिनीकेदारनाथ – रुद्रप्रयाग84
गंगा देवप्रयाग – हरिद्वार96
नंदाकिनीनंदाघुंगटी – नंदप्रयाग56

FAQs – उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ (Major Rivers of Uttarakhand)

गंगा नदी का उद्गम स्थल क्या है?

गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री ग्लेशियर (उत्तरकाशी) है, जहाँ से भागीरथी नदी निकलती है। भागीरथी और अलकनंदा नदियाँ देवप्रयाग में मिलकर गंगा नदी का रूप लेती हैं।

यमुना नदी का उद्गम स्थल कहां है?

यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री कांठा (उत्तरकाशी) है, जो बंदरपूंछ पर्वत से निकलती है।

गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ कौन सी हैं?

यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा, सोन आदि गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं।

टोंस नदी कहां से निकलती है?

टोंस नदी उत्तरकाशी में स्थित स्वर्गारोहाणी हिमनद से निकलती है और बाद में यमुना नदी में मिल जाती है।

अलकनंदा और भागीरथी नदियाँ कहाँ मिलकर गंगा बनती हैं?

अलकनंदा और भागीरथी नदियाँ देवप्रयाग में मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं। इसके बाद यह गंगा के नाम से जानी जाती है।

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हैलो दोस्तों मेरा नाम सूरज मैनाली है Smeducation एक प्रोफेशनल एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है। जहां प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार से संबंधित जानकारी हिन्दी भाषा में उपलब्ध है।

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