
Uttarakhand GK in Hindi : उत्तराखंड एक उत्तर भारतीय राज्य है जो भारत के उत्तरी हिस्से में स्थित है। इसे 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग करके बनाया गया था और इसकी अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य, विविध भूगोल और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, इसे ‘देवभूमि’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां अनेक हिन्दू तीर्थ स्थल और मंदिर स्थित हैं, जैसे कि चार धाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ। इसका भूगोल भी बहुतायत से भरपूर है, जिसमें हिमालय की पर्वत श्रृंग, घने वन्यजन्तु, और नदियों का बहुतायत है। यहां का ऐतिहासिक और धार्मिक विवादपूर्ण महत्व भी है और पर्यटन, धार्मिकता, और प्राकृतिक सौंदर्य के संगम के रूप में उभरता है। आइये उत्तराखंड सामान्य ज्ञान (Uttarakhand GK in Hindi) से सम्बंधित सभी प्रकरणों को विस्तार से जानते है।
Index of Uttarakhand GK in Hindi
परिचय (Introduction)
उत्तराखंड, जिसे “देवभूमि” (देवताओं की भूमि) के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर में स्थित एक अत्यंत सुंदर और प्राकृतिक राज्य है। यह राज्य अपनी अद्वितीय भौगोलिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है।उत्तराखंड राज्य की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के 13 पहाड़ी जिलों को अलग करके की गई थी। राज्य में कुल 13 जिले हैं। देहरादून इसकी राजधानी है।
राज्य के प्रतीक चिन्ह (State symbols)
उत्तराखंड राज्य के प्रतीक चिन्ह इसकी अद्वितीय पहचान, समृद्ध पर्यावरण, और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाते हैं। ये चिन्ह न केवल उत्तराखंड की प्राकृतिक संपदा और संस्कृति का प्रतीक हैं, बल्कि राज्य की अद्भुत विविधता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करते हैं। कस्तूरी मृग, ब्रह्मकमल, मोनेल और बुरांश जैसे प्रतीक उत्तराखंड के हिमालयी जीवन और इसकी जैव विविधता की अनमोल धरोहर को दर्शाते हैं।
जिले (Districts)
उत्तराखंड राज्य में कुल 13 जिले हैं, जिन्हें दो मंडलों में विभाजित किया गया है: गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल। गढ़वाल मंडल में 7 जिले शामिल हैं: देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, और रुद्रप्रयाग। वहीं, कुमाऊं मंडल में 6 जिले आते हैं: नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, और उधम सिंह नगर।
इतिहास (History)
उत्तराखण्ड, भारत के उत्तरी भाग में स्थित राज्य है इसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। उत्तर प्रदेश से अलग करके इसे 2000 में बनाया गया था और इसे “देवभूमि” या देवताओं का निवास भी कहा जाता है इस राज्य का इतिहास प्राचीन समय से ही बहुत खास रहा है। यहाँ ऋषि-मुनियों ने तपस्या की, और यह स्थान महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड का इतिहास एक लंबी और समृद्ध यात्रा है, जिसे तीन मुख्य भागों में बांटा गया है। पहला भाग है प्रागैतिहासिक काल, जिसमें मानव सभ्यता के शुरुआती प्रमाण जैसे पाषाण युग के उपकरण और शैल चित्र मिलते हैं। दूसरा भाग है आद्य ऐतिहासिक काल, जो प्राचीन लेखन और संस्कृतियों से जुड़ा है। तीसरा भाग है ऐतिहासिक काल, जिसे प्राचीन काल, मध्य काल और आधुनिक काल में बांटा गया है।
भूगोल (Geography)
उत्तराखण्ड, भारत के उत्तर में स्थित एक प्रमुख हिमालयी राज्य है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, और भौगोलिक विविधता इसे विशेष बनाती है। राज्य का भूगोल अत्यंत विविधतापूर्ण है, जो हिमालय के ऊँचे पर्वतों, हरित घाटियों, घने जंगलों और नदियों से लेकर तराई और भाबर क्षेत्रों तक विस्तारित है।
कुमाऊं के प्रमुख किले (Major forts of Kumaun)
कुमाऊं क्षेत्र, जो उत्तराखंड राज्य का एक हिस्सा है, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है। यहाँ कई महत्वपूर्ण किले स्थित हैं, जो इस क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास और स्थापत्य कला के प्रतीक हैं।
गढ़वाल के 52 गढ़ (52 Garh of Garhwal)
गढ़वाल के 52 गढ़ उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। ये किले, जिनका निर्माण विभिन्न राजवंशों और साम्राज्यों ने सामरिक दृष्टिकोण से किया था, गढ़वाल के इतिहास और संस्कृति की गहरी पहचान हैं। हर गढ़ के पीछे एक अद्वितीय कहानी, युद्धों की गाथाएँ, और प्राचीन स्थापत्य कला की विरासत छिपी हुई है।
नदियाँ (Rivers)
उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ राज्य की सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यावरणीय धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। उत्तराखंड, जिसे ‘देवभूमि’ के रूप में जाना जाता है, यहाँ की नदियाँ न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक पवित्र मानी जाती हैं। इन नदियों का महत्वपूर्ण स्थान भारतीय संस्कृति और परंपराओं में है, जहां हर नदी को एक देवी का रूप माना गया है।
बांध (Dams)
उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है, जहां जल विधुत परियोजनाओं का विशेष महत्व है। ये परियोजनाएं न केवल ऊर्जा उत्पादन में योगदान करती हैं बल्कि सिंचाई और जल संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
ताल/झीलें (Lakes)
पहाड़ी इलाकों और हरियाली से घिरे इस राज्य में अनेक ऐसी झीलें स्थित हैं, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन झीलों का उल्लेख भारतीय पुराणों और ऐतिहासिक ग्रंथों में भी मिलता है, और ये स्थान श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ स्थल के रूप में महत्वपूर्ण रहे हैं।
जल प्रपात (Waterfalls)
यहां के जलप्रपात न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। आइए जानते हैं उत्तराखंड के प्रमुख जलप्रपातों के बारे में विस्तार से
ग्लेशियर / हिमनद (Glaciers)
उत्तराखंड की हिमालयी भूमि अनेक सुंदर और विशाल ग्लेशियरों का घर है। ये ग्लेशियर न केवल प्राकृतिक संपदा के प्रतीक हैं, बल्कि भारत की कई प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी हैं।
बुग्याल (Bugyals)
उत्तराखंड में स्थित बुग्याल (ऊँचाई पर स्थित घास के मैदान) राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के अद्भुत उदाहरण हैं। हिमालय की गोद में बसे ये हरे-भरे घास के मैदान न केवल चरवाहों के लिए चरागाह का काम करते हैं, बल्कि पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
दर्रे (Passes)
दर्रा वह प्राकृतिक मार्ग है जो पहाड़ों और पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन के लिए उपयोगी होता है। ये मार्ग न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। ये दर्रे प्राचीन समय से ही व्यापार, तीर्थ यात्रा, और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। आइए जानते हैं उत्तराखण्ड के प्रमुख दर्रों के बारे में
वन एवं वनों से सम्बंधित आन्दोलन (Forest and forest related movements)
उत्तराखंड में वन सम्पदा का अतुल भंडार है नवीनतम आंकड़ो के अनुसार उत्तराखंड में 34,650 वर्ग किमी में वनों का विस्तार है उत्तराखंड में वनों के संरक्षण के लिए कई जन आन्दोलन भी हुए है।
राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य (National Parks and Wildlife Sanctuaries)
उत्तराखंड में कुल 6 राष्ट्रीय उद्यान व 7 वन्य जीव विहार (अभ्यारण्य ) है इस राज्य में स्थित राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण्य न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि वन्य जीवों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उत्तराखंड के इन संरक्षित क्षेत्रों में हिमालयी बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिमालयी कस्तूरी मृग और कई दुर्लभ पक्षियों समेत अनेक अद्वितीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
खनिज (Minerals)
उत्तराखंड, हिमालयी भूभाग में स्थित, खनिज संपदा के मामले में समृद्ध राज्य है। यहाँ पाए जाने वाले खनिज न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं, बल्कि औद्योगिक और कृषि उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
मेले और उत्सव (Fairs and festivals)
उत्तराखंड, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य में विभिन्न मेलों का आयोजन न केवल धार्मिक और सामाजिक महत्व रखता है, बल्कि यह यहाँ की लोक कला, संगीत, नृत्य और परंपराओं को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। उत्तराखंड के प्रमुख मेले हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जो इन मेलों के माध्यम से राज्य की विविधता और ऐतिहासिक संस्कृति का अनुभव करते हैं।
आभूषण व परिधान (Jewellery & Apparel)
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर में पारंपरिक आभूषण और परिधान का विशेष स्थान है, जो राज्य की विविधता और परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं। यहाँ के लोग अपनी संस्कृति, विश्वास और रीति-रिवाजों को जीवित रखने के लिए विभिन्न आभूषणों और परिधानों का उपयोग करते हैं। पहाड़ी जीवनशैली और लोक कला से प्रभावित इन आभूषणों और परिधानों में न केवल सौंदर्य का ध्यान रखा गया है, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
जनजातियाँ (Tribes)
उत्तराखंड में मुख्यतः जौनसारी , थारू, भोटिया, बोक्सा एवं राजी जनजातियाँ निवास लारती है , जिन्हें 1967 से अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत रखा गया है। उत्तराखंड में सर्वाधिक जनसँख्या वाली जनजाती थारू तथा सबसे कम जनसंख्या वाली जनजाति राजी है।
प्रमुख गुफाएं व शिलाएं (Major caves and rocks)
उत्तराखंड राज्य में स्थित गुफाएँ और शिलाएँ राज्य की भूगर्भीय, पौराणिक, और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। ये स्थल न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि पर्यटन और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
खेल व खिलाड़ी (Sports and Players)
उत्तराखंड राज्य ने देश को कई उत्कृष्ट खिलाड़ी दिए हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। यहाँ के खिलाड़ियों ने क्रिकेट, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, हॉकी, और निशानेबाजी जैसे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य और देश का गौरव बढ़ाया है।
सेना एवं सैन्यकर्मी (Army and military personnel)
उत्तराखंड का सैन्य इतिहास और परंपरा अत्यंत गौरवमयी और महत्वपूर्ण रही है। इस राज्य ने भारतीय सेना को कई वीर सैनिकों और उच्च अधिकारियों के रूप में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं, जो देश की सुरक्षा में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। उत्तराखंड के सैन्य रेजीमेंट, छावनियां और प्रमुख सैन्यकर्मी न केवल देश की रक्षा में अग्रणी रहे हैं, बल्कि उनका साहस, बलिदान और प्रतिबद्धता भारतीय सेना के गौरव को और भी बढ़ाते हैं।
जनगणना 2011 (Census 2011)
जनगणना 2011 के अनुसार, उत्तराखंड की कुल जनसंख्या 1,01,16,752 है, जिसमें पुरुष 51,54,178 और महिलाएं 49,62,574 हैं। राज्य की साक्षरता दर 79.63% है, जिसमें पुरुषों की साक्षरता 88.33% और महिलाओं की 70.70% है। लिंग अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 963 महिलाओं का है। जनसंख्या घनत्व 189 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, और 70% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।
परिवहन तंत्र (Transportation System)
उत्तराखंड में कुल यातायात में सड़क यातायात का भाग 85 % से अधिक है , कुल सड़क परिवहन में से 80 प्रतिशत निजी वाहन है
योजनायें (Schemes)
उत्तराखंड सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण और समग्र विकास के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सेवाएँ प्रदान करना है।
प्रमुख संस्थान (Major Institutions)
उत्तराखंड राज्य में कई प्रमुख संस्थान स्थित हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, शोध, प्रशासनिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
लोकगीत व लोकनृत्य (Folk Songs and Folk Dances)
उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं में लोकगीत और लोकनृत्य का विशेष स्थान है। यहाँ की पहाड़ी जीवनशैली, प्रकृति के प्रति प्रेम और धार्मिक आस्थाएँ इन लोक कलाओं में गहराई से झलकती हैं। उत्तराखंड के लोकगीतों और लोकनृत्यों में क्षेत्रीय विविधताओं के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। ये लोककलाएँ न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि पीढ़ियों से सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने का एक सशक्त जरिया भी रही हैं।
त्यौहार (Festivals)
चाहे वसंत ऋतु का स्वागत करने वाला फूलदेई हो, या हरियाली का त्योहार हरेला, हर पर्व में राज्य की परंपराएं और प्रकृति से प्रेम झलकता है। इन त्यौहारों में संगीत, नृत्य और लोककथाओं के जरिए लोग अपनी संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं। आइए, उत्तराखंड के इन खास त्यौहारों को समझें और जानें कि ये क्यों इतने खास हैं।
पर्यटन व धार्मिक स्थल (Tourist and religious places)
उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं, जबकि प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहाँ स्थित चारधाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ) विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। इसके साथ ही, नैनीताल, मसूरी, औली, और रणकली जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल भी हैं।
प्रमुख व्यक्ति (Famous Personalities)
उत्तराखंड ने कई प्रमुख व्यक्तियों को जन्म दिया है, जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अपार योगदान दिया। ये व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों जैसे राजनीति, साहित्य, कला, खेल, समाज सेवा और विज्ञान में उत्कृष्टता के प्रतीक हैं।
FAQs on Uttarakhand GK in Hindi
उत्तराखंड राज्य की स्थापना कब हुई?
उत्तराखंड राज्य की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के 13 पहाड़ी जिलों को अलग करके की गई थी। इसे पहले उत्तरांचल नाम से जाना जाता था, जिसे 2007 में बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।
उत्तराखंड की राजधानी कहाँ है?
उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून है, और गैरसैण इसकी ग्रीष्म कालीन राजधानी है।
उत्तराखंड में कितने जिलें हैं?
उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं
उत्तराखंड के 13 जिले कौन से हैं?
उत्तराखंड में कुल 13 ज़िले हैं: अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, चमोली, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर और रुद्रप्रयाग
गढ़वाल में कितने जिले हैं?
गढ़वाल मण्डल में कुल 7 जिले हैं : चमोली, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी
कुमाऊँ मण्डल में कौन-कौन से जिलें है?
कुमाऊँ मण्डल में अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर और नैनीताल कुल 6 जिलें हैं।
गढ़वाल में कुल कितने गढ़ है?
52 गढ़
उत्तराखंड की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है?
उत्तराखंड की सबसे ऊँची चोटी नंदा देवी है, जो 7,816 मीटर (25,643 फीट) ऊँची है।
उत्तराखंड का सबसे बड़ा शहर कौन सा है?
उत्तराखंड का सबसे बड़ा शहर देहरादून है, जो राज्य की राजधानी भी है।