
उत्तराखंड के प्रमुख ताल / झीलें (Major Lakes of Uttarakhand) राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पहाड़ी इलाकों और हरियाली से घिरे इस राज्य में अनेक ऐसी झीलें स्थित हैं, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन झीलों का उल्लेख भारतीय पुराणों और ऐतिहासिक ग्रंथों में भी मिलता है, और ये स्थान श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ स्थल के रूप में महत्वपूर्ण रहे हैं।
उत्तराखंड के प्रमुख ताल / झीलें (Lakes of Uttarakhand)
नैनीताल
- नैनीताल को स्कन्दपुराण में त्रि ऋषि सरोवर कहा गया है , नैनीताल को सरोवर नगरी तथा झीलों की नगरी भी कहा जाता है
- नैनीताल सात पहाडियों से घिरा है , जिसमे ‘चाइना पीक (नैना पीक), शेर का डांडा , आयरपात , देवपात , हाड़ीवादी , स्नो व्यू , आलमसरिया काँटा’ सामिल है
- नैनीताल की खोज 1841 में सी.पी. बैरन ने की
- नैनीताल के दक्षिण-पूर्वी भाग से बालिया नदी निकलती है
- नैनीताल की लम्बाई 1430 मीटर , चौड़ाई 465 मीटर तथा गहराई 16-26 मीटर है
भीमताल
- भीमताल उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित, कुमाऊं का सबसे बड़ा ताल है
- भीमताल की लम्बाई 1674 मीटर , चौड़ाई 447 मीटर तथा गहराई 26 मीटर है
नौकुचियाताल
- नौकुचियाताल नैनीताल से 26 किमी व भीमताल से 5 किमी की दूरी पर नैनीताल जिले में स्थित है
- नौकुचियाताल कुमाऊं की सबसे गहरी झील/ताल है
- नौकुचियाताल की लम्बाई 950 मीटर , चौड़ाई 680 मीटर तथा गहराई 40 मीटर है
- नौकुचियाताल में नौ कोने है इसी लिए इसे नौकुचियाताल कहा जाता है
सातताल
- सातताल नैनीताल से 22 किमी तथा भीमताल से 4 किमी दूरी पर स्थित कुमाऊं की सबसे सुन्दर झील है
- यहाँ पहले सात झीले थी जिसमे से कई सूख गयी है , इनमे नल दमयंती ताल , गरुड़ या पन्ना ताल , पूर्ण ताल , लक्ष्मण ताल व राम-सीता ताल प्रमुख है
- यहाँ नल दमयंती ताल की आकृति अश्व खुर के समान है तथा इसमें मछलियाँ नहीं पकड़ी जाती है
खुरपाताल
- खुरपाताल नैनीताल से 12 किमी की दूरी पर स्थित है
- खुरपाताल की लम्बाई 1633 मीटर , चौड़ाई 5000 मीटर है
- इसका आकार जानवरों के खुर के समान है
झिलमिल ताल
- झिलमिल ताल चम्पावत जिले के टनकपुर-ब्रह्मदेव से 5 किमी की दूरी पर स्थित है
द्रोण सागर
- यह ताल उधम सिंह नगर के काशीपुर से 2 किमी की दूरी पर स्थित है
- यहाँ गुरु द्रोण ने अपने शिष्यों को धनुर्विद्या की शिक्षा दी थी
गिरीताल
- यह ताल उधमसिंह नगर जिले में है
श्यामला ताल
- श्यामला ताल चम्पावत जिले में स्थित है
- यहाँ सफेद कमल के फूल मिलते है
- श्यामला ताल के किनारे विवेकानंद आश्रम स्थित है
- यहाँ झूला मेला लगता है
तड़ाग ताल
- तड़ाग ताल अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया से 10 किमी की दूरी पर स्थित है
- इस ताल में पानी की निकासी के लिए पांच सुरंगे बनी है जिसमे से तीन अब बंद हो गयी है
सुकुन्डा ताल
- यह बागेश्वर जिले में स्थित है
महासरताल
- महासरताल टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है
- यह झील दो कटोरेनुमा तालों से निर्मित है
- महासर ताल को भाई बहन ताल भी कहा जाता है
सहस्त्रताल
- सहस्त्रताल टिहरी गढ़वाल जिले मेर स्थित गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा व गहरा ताल है
यमताल
- यह ताल टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है
बासुकीताल
- बासुकीताल टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है
- बासुकीताल का पानी लाल रंग का है
- यह ताल नीले रंग के कमल के लिए प्रसिद्ध है
मंसूर ताल
- मंसूर ताल टिहरी गढ़वाल जिले में खतलिंग ग्लेशियर के समीप स्थित है
- इस ताल से दूध गंगा नदी निकलती है
रूपकुण्ड
- रूपकुण्ड चमोली जिले में बेदिनी बुग्याल के निकट स्थित है
- ऐसी मान्यता है कि इस ताल का निर्माण शिव पार्वती ने कैलाश जाते समय किया था
- इस ताल के समीप नर कंकाल प्राप्त होते है इसलिए इसे कंकाली ताल भी कहा जाता है एअसी मान्यता है की ये कंकाल यहाँ के राजा यशधवल और रानी बल्पा और उनके सैनिकों के है
अप्सराताल
- यह ताल टिहरी के समीप स्थित है इसे अछरी ताल भी कहा जाता है
होमकुण्ड
- होमकुण्ड झील रूपकुण्ड से 17 किमी की दूरी पर चमोली जिले में स्थित है
हेमकुण्ड
- हेमकुण्ड चमोली जिले में स्थित है
- इस झील के किनारे सिक्खों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने तपस्या की थी इसके किनारे एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा हेमकुण्ड साहिब है
- हेमकुण्ड झील को लोकपाल झील भी कहा जाता है
- हेमकुण्ड से अलकनंदा की सहायक नदी लक्ष्मण गंगा निकलती है
सतोपंथ ताल
- सतोपंथ ताल चमोली जिले में स्थित है
शरवदी ताल
- यह ताल रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है
- इस ताल को गाँधी सरोवर भी कहा जाता है , 1948 में यहाँ महात्मा गाँधी की अस्थियाँ प्रवाहित की गयी थी
- शरवदी ताल को चौरा बाड़ी ताल भी कहा जाता है
लिंगाताल
- लिंगाताल चमोली जिले में फूलों की घाटी के मध्य में स्थित है
बेनिताल
- यह ताल चमोली जिले में स्थित है , इसके निकट नंदा देवी मंदिर है
फाचकंडी बयांताल
- यह ताल उत्तरकाशी जिले में स्थित है इसका जल उबलता हुआ है
भेंक ताल
- यह ताल रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है , इसका आकार अण्डाकार है
इन सभी तालो के अलावा कुछ और ताल और उनकी स्थिति निम्नवत है
- मातृका ताल – चमोली
- नरसिंह ताल – चमोली
- सिद्ध ताल – चमोली
- नचिकेता ताल – उत्तरकाशी
- डोडिताल – उत्तरकाशी
- केदारताल – उत्तरकाशी
- सरताल – उत्तरकाशी
- रोही साड़ाताल- उत्तरकाशी
- भराड़सर ताल उत्तरकाशी
- खिड़ा ताल – उत्तरकाशी
- देवरिया ताल – रूद्र प्रयाग
- बदाणी ताल – रुद्रप्रयाग
- गोहना ताल – रुद्रप्रयाग
- झल ताल – चमोली
- सुख ताल – चमोली
- विष्णु ताल – चमोली
- बेनिताल – चमोली
- विरही ताल(गौना झील )- चमोली
- ताराकुंड – चमोली
- दुग्ध ताल – पौड़ी गढ़वाल
- भिलंग ताल – टिहरी गढ़वाल
- सूखा ताल – नैनीताल
- मलवाताल – नैनीताल
- सड़िया ताल – नैनीताल
- हरिश ताल – नैनीताल
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