
राहुल सांकृत्यायन का जन्म 9 अप्रैल 1893 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले स्थित ग्राम पन्दहा में हुआ था। वे न केवल हिंदी के महान साहित्यकार थे, बल्कि भारतीय समाज और संस्कृति के एक प्रख्यात चिंतक भी थे। उन्हें “महापंडित” के सम्मान से नवाजा गया था, क्योंकि उनका ज्ञान विभिन्न विषयों पर व्यापक था—इतिहास, दर्शन, साहित्य, समाजशास्त्र और राजनीति। राहुल सांकृत्यायन ने अपने जीवन में अनेक भाषाओं का अध्ययन किया और जीवनभर नई-नई विचारधाराओं से प्रेरित रहे। वे भारतीय समाज की जड़ों को समझने के साथ-साथ उसकी सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों को भी सुधारने के पक्षधर थे।
सांकृत्यायन ने हिंदी साहित्य में जो योगदान दिया, वह अप्रतिम था। उनका लेखन न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी अपनी रचनाओं के माध्यम से उजागर किया। वे समाज में व्याप्त असमानता, अंधविश्वास, और सामंती व्यवस्था के खिलाफ थे, और इन मुद्दों पर अपनी लेखनी के माध्यम से उन्होंने जागरूकता फैलाने का काम किया।
राहुल सांकृत्यायन की प्रमुख रचनाएँ जैसे “भारत के लोग”, “मेरे आगे-मेरे पीछे”, “विचार यात्रा”, “गुजरात यात्रा” और “हिमालय यात्रा” उनकी गहरी सोच और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से व्यक्त करती हैं। ये रचनाएँ न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे समाज में बदलाव लाने के लिए एक सशक्त माध्यम बनकर सामने आईं। सांकृत्यायन ने भारतीय समाज के हर पहलू पर विचार किया और अपनी रचनाओं में उन्हें सही दिशा दिखाने का प्रयास किया।
इस लेख में हम राहुल सांकृत्यायन की प्रमुख रचनाओं का विश्लेषण करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से भारतीय समाज और साहित्य को किस प्रकार समृद्ध किया।
कहानियाँ
- सतमी के बच्चे
- वोल्गा से गंगा
- बहुरंगी मधुपुरी
- कनैला की कथा
उपन्यास
- बाईसवीं सदी
- जीने के लिए
- सिंह सेनापति
- जय यौधेय
- भागो नहीं, दुनिया को बदलो
- मधुर स्वप्न
- राजस्थानी रनिवास
- विस्मृत यात्री
- दिवोदास
जीवनियाँ
- कार्ल मार्क्स
- माओ-त्से-तुंग
- घुमक्कड़ स्वामी
- मेरे असहयोग के साथी
- जिनका मैं कृतज्ञ
- सरदार पृथ्वीसिंह
- नए भारत के नए नेता
- बचपन की स्मृतियाँ
- अतीत से वर्तमान
- स्तालिन
- लेनिन
- वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली
- सिंहल घुमक्कड़ जयवर्धन
- कप्तान लाल
- सिंहल के वीर पुरुष
- महामानव बुद्ध
यात्रा साहित्य
- लंका
- जापान
- इरान
- किन्नर देश की ओर
- चीन में क्या देखा
- मेरी लद्दाख यात्रा
- मेरी तिब्बत यात्रा
- तिब्बत में सवा बर्ष
- रूस में पच्चीस मास
also read…..शैलेश मटियानी की प्रमुख रचनाएँ
आत्मकथा
- मेरी जीवन यात्रा
अन्य साहित्यिक कार्य
- मज्झिम निकाय – हिंदी अनुवाद
- दिघ निकाय – हिंदी अनुवाद
- संयुत्त निकाय – हिंदी अनुवाद
- ऋग्वैदिक आर्य
- दर्शन दिग्दर्शन
- तुम्हारी क्षय – भारतीय जाती व्यवस्था, चल चलन पर व्यंग
- मध्य एसिया का इतिहास
- दक्खिनी हिन्दी का व्याकरण
राहुल सांकृत्यायन की रचनाएँ न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में सुधार और जागरूकता फैलाने का काम भी करती हैं। उनकी लेखनी आज भी हमें नए विचार और दृष्टिकोण देती है। वे एक महान चिंतक और लेखक थे, जिनका योगदान भारतीय साहित्य में अनमोल रहेगा।