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उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य

उत्तराखंड में कुल 6 राष्ट्रीय उद्यान व 7 वन्य जीव विहार (अभ्यारण्य ) है इस राज्य में स्थित राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण्य न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि वन्य जीवों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उत्तराखंड के इन संरक्षित क्षेत्रों में हिमालयी बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिमालयी कस्तूरी मृग और कई दुर्लभ पक्षियों समेत अनेक अद्वितीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान (National Parks of Uttarakhand)

1. जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park)

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 1936 में हेली राष्ट्रीय उद्यान के नाम से स्थापित भारत तथा एशिया का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है स्वतंत्रता के बाद इसका नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखा गया , फिर वर्ष 1957 में इसका नाम प्रकृति प्रेमी जिम कॉर्बेट के नाम पर जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया|
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान नैनीताल और पौड़ी जिले में 520.82 वर्ग किमी में  विस्तृत है, इसका प्रवेश द्वार नैनीताल जिले के ढिकाला में है , जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के मध्य में पाटली दून स्थित है 
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को 1 नवम्बर 1973 देश का पहला बाघ संरक्षित घोषित किया गया , यह राष्ट्रीय उद्यान प्रयटको को सर्वाधिक  आकर्षित करने वाला राष्ट्रीय उद्यान है|

2. गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान (Govind National Park)

गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान उत्तरकाशी जिले में स्थित है इसकी स्थापना 1980 में की गयी , यह राष्ट्रीय उद्यान 472 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है 
गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान में भूरा भालू ,  कस्तूरी मृग, हिम तेंदुआ, काला  भालू , मोनाल आदि पशु-पक्षी पाये जाते है

3. नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान (Nandadevi National Park)

नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान चमोली जिले में 624 वर्ग किमी में फैला है , इसकी स्थापना 1982 में की गयी , इस पार्क में हिमालयन भालू, मोनाल, कस्तूरी मृग , भरल आदि पशु-पक्षी पाये जाते है 

4. फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park)

फूलों की घाटी चमोली जिले में जोशीमठ -बद्रीनाथ मार्ग पर नर एवं गंध मादन पर्वतो के बीच में भ्युंडार घाटी में स्थित है , फूलों की घाटी की खोज सन 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक सिडनी स्माइथ ने की , उन्होंने यहाँ अपने साथी होल्ड्सवर्थ  की सहायता से फूलो की  250 किस्मो का पता लगाकर 1947 में अपनी पुस्तक फूलों की घाटी (Valley of flowers) में प्रकाशित किया|
फूलो की घाटी को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया तथा वर्ष 2005 में फूलों की घाटी को विश्व धरोहर में सामिल किया गया |
फूलो की घाटी के कुछ अन्य नाम नंदन कानन, अलका, गंधमाधन, बैकुंठ,  पुश्पावाली, पुष्परसा तथा फ्रैंक स्माइथ घाटी हैं

5. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park)

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान हरिद्वार, देहरादून तथा पौड़ी गढ़वाल जिलो में 820.42 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना 1983 में की गयी , इसका मुख्यालय देहरादून में है|

6. गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (Gangotri National Park)

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तरकाशी जिले में 2390 वर्ग किमी में विस्तृत उत्तराखंड का सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला राष्ट्रीय उद्यान है इसकी स्थापना 1989 में की गयी|

उत्तराखंड के वन्य जीव अभ्यारण्य (Wildlife Sanctuaries of Uttarakhand)

उत्तराखंड में कुल 7 वन्य जीव विहार (अभ्यारण्य ) है 

1. केदारनाथ वन्य जीव विहार (Kedarnath Wildlife Sanctuary)

केदारनाथ वन्य जीव विहार जनपद चमोली तथा रुद्रप्रयाग में 957 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 1972 में की गयी , यहाँ मुख्यतः भूरा भालू, कस्तूरी मृग, हिम तेंदुआ, घुरल, काकड़ , जंगली सूअर आदि जीव पाये जाते है , यह उत्तराखंड का सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला वन्य जीव विहार है|

2. अस्कोट वन्य जीव विहार (Askot Wildlife Sanctuary)

अस्कोट वन्य जीव विहार जनपद पिथोरागढ़  में 600 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 1986 में की गयी, अस्कोट  वन्य जीव अभ्यारण्य कस्तूरी मृग के लिए प्रसिद्ध है 

3.गोविन्द वन्य जीव विहार (Govind Wildlife Sanctuary)

गोविन्द  वन्य जीव विहार जनपद उत्तरकाशी  में 485 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 1955 में की गयी, यहाँ पर मुख्यतः भूरा भालू, कस्तूरी मृग, हिम तेंदुआ, घुरल, काकड़ , जंगली सूअर, जंगली बिल्ली, आदि जानवर पाये जाते है 

4. सोनानदी वन्य जीव विहार (Sonanadi Wildlife Sanctuary)

सोनानदी  वन्य जीव विहार जनपद पौड़ी गढ़वाल में 301वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 1987 में की गयी, यहाँ पर मुख्यतः हाथी , शेर , घुरल, काकड़ , जंगली सूअर, मगर, घड़ियाल, अजगर आदि जानवर पाये जाते है 

5.बिनसर वन्य जीव विहार (Binsar Wildlife Sanctuary)

बिनसर  वन्य जीव विहार जनपद अल्मोड़ा  में 47 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 1988 में की गयी, यहाँ पर मुख्यतः काला  भालू, , घुरल, काकड़ , जंगली सूअर, जंगली बिल्ली, आदि जानवर पाये जाते है 

6. मसूरी वन्य जीव विहार (Mussoorie Wildlife Sanctuary)

मसूरी  वन्य जीव विहार जनपद देहरादून  में 11  वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 1993 में की गयी, यहाँ पर मुख्यतः काला  भालू,  लंगूर, बन्दर ,घुरल, काकड़ , जंगली सूअर आदि जानवर पाये जाते है

 7. नन्धौर वन्य जीव विहार (Nandhaur Wildlife Sanctuary)

नन्धौर  वन्य जीव विहार जनपद नैनीताल व चम्पावत  में 270 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है इसकी स्थापना सन् 2012 में की गयी, यहाँ पर मुख्यतः  भालू, बाघ, लंगूर आदि जानवर पाये जाते है 

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हैलो दोस्तों मेरा नाम सूरज मैनाली है Smeducation एक प्रोफेशनल एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है। जहां प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार से संबंधित जानकारी हिन्दी भाषा में उपलब्ध है।

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