उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर में पारंपरिक आभूषण और परिधान का विशेष स्थान है, जो राज्य की विविधता और परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं। यहाँ के लोग अपनी संस्कृति, विश्वास और रीति-रिवाजों को जीवित रखने के लिए विभिन्न आभूषणों और परिधानों का उपयोग करते हैं। पहाड़ी जीवनशैली और लोक कला से प्रभावित इन आभूषणों और परिधानों में न केवल सौंदर्य का ध्यान रखा गया है, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
कान के प्रमुख आभूषण
- मुर्खली या मुर्खी (मुंदड़ा )
- बाली (बल्ली )
- कुंडल
- कर्णफूल (कनफूल)
- तुग्यल / बुजनी
- गोरख
सिर के प्रमुख आभूषण
- शीशफूल
- मांगटीका
- बंदी (बांदी )
- सुहाग बिंदी
नाक के प्रमुख आभूषण
- नथ (नथुली)
- बुलाक
- फूली , (लौंग)
- गोरख
- बिड़
गले के प्रमुख आभूषण
- तिलहरी
- चन्द्रहार
- हंसूला (सूत)
- गुलबंद
- चरयो
- झुपिया
- पौंला
- पचमनी
- सुतुवा
हाथ के प्रमुख आभूषण
- धगुले
- पौंछि
- गुन्ठी (अंगूठी)
- धगुला
- ठ्वाक
- गोंखले
कमर के प्रमुख आभूषण
- तगड़ी
- कमर ज्यौड़ी
- अतरदान
पैरो के प्रमुख आभूषण
- झिंवरा
- पौंटा
- लच्छा
- पाजेब
- इमरती
- प्वल्या (बिछुवा)
- कण्डवा
- अमित्रीतार
- पुलिया
कंधे के प्रमुख आभूषण
- स्यूण-सांगल
उत्तराखंड के प्रमुख परिधान
पुरुषो के परिधान
धोती , कुर्ता, मिरजई , सफेद टोपी , बास्कट , पैजामा , सुराव , कोट , भोटू आदि
स्त्रियों के परिधान
आंगड़ी , गाती , धोती , पिछोड़ा टांक आदि
बच्चो के परिधान
झगुली , सन्तराथ , घागरा आदि
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