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Uttarakhand Geography in Hindi – उत्तराखण्ड का भूगोल

Uttarakhand geography in hindi : उत्तराखण्ड, जिसे “देवभूमि” के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर में स्थित एक प्रमुख हिमालयी राज्य है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, और भौगोलिक विविधता इसे विशेष बनाती है। राज्य का भूगोल अत्यंत विविधतापूर्ण है, जो हिमालय के ऊँचे पर्वतों, हरित घाटियों, घने जंगलों और नदियों से लेकर तराई और भाबर क्षेत्रों तक विस्तारित है।

उत्तराखण्ड  भौगोलिक विभाजन

उत्तराखण्ड  भौगोलिक विभाजन

उत्तराखण्ड का भूगोल अत्यंत विविधतापूर्ण और जटिल है। इसे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जो राज्य की प्राकृतिक संरचना, जलवायु, और पर्यावरण को विशिष्ट बनाते हैं। राज्य के भौगोलिक विभाजन को निम्नलिखित खंडों में बाँटा जा सकता है:

  1. गंगा का मैदानी क्षेत्र
  2.  तराई क्षेत्र
  3.  भाबर क्षेत्र
  4.  शिवालिक क्षेत्र
  5.  दून क्षेत्र (द्वार)
  6.  लघु (मध्य) हिमालयी क्षेत्र
  7.  वृहत हिमालयी क्षेत्र
  8.  ट्रांस हिमालयी क्षेत्र

गंगा  का मैदानी क्षेत्र

  • यह क्षेत्र राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है, जहाँ गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों का प्रवाह होता है। यह क्षेत्र उपजाऊ कृषि भूमि के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ का प्रमुख भाग हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में आता है।

तराई क्षेत्र 

तराई क्षेत्र गंगा के मैदानी क्षेत्र के ठीक उत्तर में स्थित है। यह दलदली भूमि से युक्त है और यहाँ वनस्पतियों की भरमार है। इस क्षेत्र में कृषि और वन्य जीव दोनों का बड़ा महत्व है। इसकी चौड़ाई – 20 से 30 किमी तक है , इस क्षेत्र में पातालतोड़ कुएं (Artision Wells) पाये जाते हैं।

हरिद्वार में गंगा के मैदान के तुरन्त उत्तर का क्षेत्र, पौड़ी गढ़वाल व नैनीताल के दक्षिणी क्षेत्र तथा उधम सिंह नगर का सम्पूर्ण क्षेत्र तराई के अंतर्गत आया है।

भाबर क्षेत्र 

तराई क्षेत्र के तुरन्त उत्तर तथा शिवालिक की पहाड़ियों के दक्षिण 10 से 12 कीमी चौड़े क्षेत्र को भाबर कहते हैं। इस क्षेत्र की भूमि उबड़-खाबड़ और मिट्टी  कंकड़, पत्थर तथा मोटे बालू से युक्त होती है। इस क्षेत्र का निर्माण प्लीस्टोनीन युग का माना जाता है। इस क्षेत्र की मिट्टी कृषि के लिए अनउपयुक्त है।

शिवालिक क्षेत्र

भाबर के उत्तर में स्थित पहाड़ियों को शिवालिक कहा जाता है, जिसे वाह्य हिमालय या हिमालय का पाद भी कहा जाता है। इसकी चोटियों की ऊँचाई 700 से 1200 मीटर के बीच होती है। यह श्रेणी हिमालय का सबसे नवीन भाग मानी जाती है, जिसका निर्माण काल भूवैज्ञानिक दृष्टि से मायोसीन से निम्न प्लाइस्टोसीन युग के बीच माना गया है। शिवालिक की संरचना और विकास इसे हिमालय के अन्य भागों से विशिष्ट बनाते हैं।

दून क्षेत्र (द्वार)

शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच स्थित क्षेत्र को दून क्षेत्र कहा जाता है। यह क्षेत्र चौड़ाई में 24 से 32 किमी तक और ऊँचाई में 350 से 750 मीटर के बीच होता है। इस क्षेत्र में कई प्रसिद्ध दून घाटियाँ हैं, जैसे देहरा (देहरादून), कोठारी और चौखम (पौड़ी), पतली और कोटा (नैनीताल)। दून क्षेत्र की भौगोलिक संरचना और उपजाऊ भूमि इसे कृषि और मानव बस्तियों के लिए उपयुक्त बनाती है। यह क्षेत्र नदियों और छोटी धाराओं से समृद्ध है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाते हैं।

लघु (मध्य) हिमालयी क्षेत्र

  • यह पर्वत श्रेणी शिवालिक के उत्तर तथा वृहत हिमालय के दक्षिण चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी, चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी तथा देहरादून आदी 9 जिलो में विस्तृत है।
  • ऊंचाई – 1200 से 4500 मी.
  • लघु हिमालय के अर्न्तगत चमोली, पौड़ी तथा अल्मोड़ा जिलो के मध्ल फैले दूधातोली श्रृंखला को उत्तराखण्ड का पामीर कहा जाता है।
  • इस क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंधीय सदाबहार प्रकार के कोणधारी सघन वन मिलते है।

वृहत (उच्च) हिमालयी क्षेत्र

  • यह क्षेत्र लघु हिमालय के उत्तर व ट्रंास हिमालय के दक्षिण में स्थित है
  • ऊंचाई – 4500 से 7817 मी.
  • वृहत हिमालय की प्रमुख चोटियां
    • नंदादेवी (चमोली) – 7817 मी.
    • कामेट (चमोली) – 7756 मी.
    • नंदादेवी पूर्वी (चमोली-पिथौरागढ़) – 7434 मी.
    • माणा (चमोली) – 7272 मी.
    • बद्रीनाथ (चमोली) -7140 मी.
    • पंचाचूली (पिथौरागढ़) – 6904 मी.
    • श्रीकंठ (उत्तरकाशी) – 6728 मी.
    • नन्दाकोट (चमोली-पिथौरागढ़) – 6861 मी.
    • नंदाधुगटी (चमोली) – 6309 मी.
    • गंधमाधन (चमोली) – 6984 मी.
    • त्रिसूल (चमोली) – 7120 मी.

ट्रांस हिमालयी क्षेत्र

  • यह महाहिमालय के उत्तर में स्थित है।
  • इसका कुछ भाग भारत में और कुछ चीन में है।
  • ऊंचाई – 2500 से 3500 मी.
  • इस क्षेत्र की पर्वत श्रेणीयो को जैक्सर श्रेणी कहा जाता है।

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हैलो दोस्तों मेरा नाम सूरज मैनाली है Smeducation एक प्रोफेशनल एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है। जहां प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार से संबंधित जानकारी हिन्दी भाषा में उपलब्ध है।

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