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राजभाषा क्या है? राजभाषा की विशेषताएं , गुण व दोष

राजभाषा क्या है? राजभाषा की विशेषताएं , गुण व दोष

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राजभाषा का शाब्दिक अर्थ है “राज-काज की भाषा,” अर्थात् वह भाषा जो सरकारी कार्यों में प्रयुक्त होती है। पुराने समय में, राजाओं और नवाबों के दरबार में इसे ‘दरबारी भाषा’ कहा जाता था। राजभाषा सरकारी कामकाज की आवश्यकताओं से उत्पन्न होती है और इसका एक निश्चित मानक स्वरूप होता है जिसमें परिवर्तन या प्रयोग नहीं किया जा सकता। राजभाषा एक संवैधानिक शब्द है, जबकि राष्ट्रभाषा संवैधानिक रूप से मान्य नहीं है।

राजकीय काम – काग में प्रयोग की जाने वाली भाषा राजभाषा कहलाती है। राजभाषा राज्य के प्रशासनिक कार्यों में अपनाई जाती है। भारतीय संविधान के अनुसार हिन्दी भारत की राजभाषा है सात राज्यों में हिन्दी राजभाषा है। शेषराज्यो में अपनी – अपनी राज भाषाएँ है

भारत की राजभाषा कौन सी है (Official Language of India)

भारत की राजभाषा के रूप में “हिंदी” और “अंग्रेजी” दोनों भाषाओं को शामिल किया गया है। भारतीय संविधान के अनुसार, हिंदी के साथ-साथ 22 भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। इन भाषाओं में कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, बंगाली, असमी, उड़िया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली शामिल हैं। राज्य विधानसभाएं बहुमत के आधार पर एक या अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राजभाषा घोषित कर सकती हैं।

संविधान के भाग 17 और 8वीं अनुसूची में अनुच्छेद 343 से 351 तक इन 22 राजभाषाओं का उल्लेख किया गया है। केंद्र सरकार ने हिंदी और अंग्रेजी को अपनी राजभाषा के रूप में स्वीकार किया है, जबकि राज्यों की अपनी अलग-अलग राजभाषाएँ हैं।

14 सितम्बर 1949 को हिंदी को संवैधानिक रूप से राजभाषा घोषित किया गया, इसलिए हर साल 14 सितम्बर को “हिंदी दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

राजभाषा का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों के माध्यम से देश को एक राजनीतिक-आर्थिक इकाई में जोड़ना है। हालांकि, इसका प्रयोग-क्षेत्र सीमित होता है। वर्तमान में भारत सरकार के कार्यालयों और हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी का प्रयोग होता है, जबकि अन्य राज्य अपनी भाषाओं का उपयोग करते हैं, जैसे महाराष्ट्र में मराठी, पंजाब में पंजाबी, गुजरात में गुजराती।

राजभाषा की विशेषताएं

राजभाषा की निम्नलिखित विशेषताएं हो सकती हैं

  1. राजभाषा किसी भी देश की राजकीय काम काज की भाषा है।
  2. राजभाषा की मान्यता मिलने से उस भाषा का महत्व अधिक बड़ जाता है।
  3. शिक्षा का माध्यम, रेडियो दूरदर्शन, राजभाषा में होना चाहिए।
  4. भारत के संविधान में हिन्दी को राजभाषा माना गया है।
  5. भारतीय में वर्तमान में 22 राजभाषाएँ है- कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगू, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली।
  6. संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 345, 346 और अनुच्छेद 347 में राज्य की राजभाषाओं के संबंध में उल्लेख किया गया है। 

भारत के विभिन्न राज्यों की राजभाषाएं

राज्यराजभाषा
आंध्र प्रदेशतेलुगू
अरुणाचल प्रदेशअंग्रेज़ी
असमअसमिया
बिहारहिंदी
छत्तीसगढहिंदी
गोवाकोंकणी
गुजरातगुजराती
हरयाणाहिंदी
हिमाचल प्रदेशहिंदी
झारखंडहिंदी
कर्नाटककन्नडा
केरलमलयालम
मध्य प्रदेशहिंदी
महाराष्ट्रमराठी
मणिपुरमेइतिलोन (मणिपुरी)
मेघालयअंग्रेज़ी
मिजोरममिज़ो, अंग्रेजी और हिंदी
नगालैंडअंग्रेज़ी
ओडिशाउड़िया
पंजाबपंजाबी
राजस्थानहिंदी
सिक्किमअंग्रेज़ी
तमिलनाडुतामिल
तेलंगानातेलुगु और उर्दू
त्रिपुराबंगाली, अंग्रेजी और कोकबोरोक
उत्तर प्रदेशहिंदी
उत्तराखंडहिंदी
पश्चिम बंगालबंगाली

भारत के विभिन्न केंद्र शासित प्रदेशों की राजभाषाएं

केंद्र शासित प्रदेश का नामराजभाषा
अंडमान और निकोबार द्वीपहिंदी और अंग्रेजी
चंडीगढ़अंग्रेज़ी
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीवगुजराती, मराठी, कोंकणी और हिंदी
जम्मू और कश्मीरकश्मीरी, डोगरी, अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू
दिल्लीहिंदी
लद्दाखलद्दाखी, पुर्गी, हिंदी, अंग्रेजी
लक्षद्वीपमलयालम और अंग्रेजी
पांडिचेरीतामिल

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