उत्तराखंड का इतिहास : पृथक राज्य निर्माण के लिए आन्दोलन (Uttarakhand History: Movement for separate state creation)
- उत्तराखंड को पृथक राज्य बनाने की मांग सर्वप्रथम 5-6 मई 1938 को श्रीनगर (गढ़वाल) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेसन में उठाई गयी.
- श्रीदेव सुमन ने पृथक राज्य के निर्माण हेतु 1938 में दिल्ली में गढ़देश सेवा संघ नाम का संगठन बनाया, जिसका नाम बाद में हिमालय सेवा संघ कर दिया गया.
- 1950 में पर्वतीय विकास जन समिति नामक संगठन बनाया गया जिसका उद्देश्य उत्तराखंड और हिमांचल प्रदेश को मिलकर एक हिमालयी राज्य बनाना था.
- 24 व 25 जून 1967 को रामनगर में पर्वतीय राज्य परिषद का गठन किया गया.
- 1969 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पर्वतीय विकास परिषद का गठन किया गया.
UKSSSC उत्तराखंड वन रक्षक मॉडल पेपर
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव पी. सी. जोशी ने 3 अक्टूबर 1970 को कुमाऊं राष्ट्रीय मोर्चा का गठन किया.
- 1969 में नैनीताल में उत्तरांचल परिषद का गठन किया गया, और इस परिषद के सदस्यों ने 1972 में दिल्ली के वोट क्लब पर धरना दिया.
- 1976 में उत्तराखंड युवा परिषद का गठन किया गया.
- 1979 में त्रेपन सिंह नेगी द्वारा उत्तराचल राज्य परिषद का गठन किया गया.
- 25 जुलाई 1979 में मसूरी में उत्तराखंड क्रांति दल का गठन किया गया तथा इसका पहला अध्यक्ष कुमाऊं विश्विद्यालय के कुलपति डॉ. देवीदत्त पन्त को बनाया गया.
- उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर 1984 में आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन ने 900 किमी की साइकिल यात्रा निकाली.
- उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर 23 अप्रैल 1987 को उत्तराखंड क्रांति दल के नेता त्रिवेन्द्र पंवार ने संसद में एक पत्र बम फेंका.
- 1988 में शोबन सिंह जीना द्वारा ‘उत्तराँचल उत्थान परिषद‘ का गठन किया गया.
- 1989 में ‘उत्तराँचल संयुक्त संघर्ष समिति‘ का गठन किया गया.
- उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्य निर्माण का पहला प्रस्ताव 1990 में उत्तराखंड क्रांति दल के विधायक जसवंत सिंह बिष्ट द्वारा रखा गया.
- 1992 में उत्तराखंड क्रांति दल ने एक दस्तावेज जारी कर गैरसैण को उत्तराखंड की राजधानी घोषित किया , इस दस्तावेज को उत्तराखंड क्रांति दल का पहला ब्लू प्रिंट माना जाता है.
- उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने जनवरी 1993 में रमाशंकर कौशिक की अध्यक्षता में एक समिति ( कौसिक समिति ) का गठन उत्तराखंड राज्य की संरचना और राजधानी पर विचार करने के लिए किया.
- 15 अगस्त 1996 को प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा ने उत्तराखंड राज्य निर्माण करने की घोसणा की.
- उत्तरप्रदेश पुनर्गठन विधेयक को 27 जुलाई 2000 को लोक सभा में पेश किया गया , यह विधेयक 1 अगस्त 2000 को लोकसभा तथा 10 अगस्त 2000 को राज्यसभा में पारित किया गया और 28 अगस्त 2000 को राष्ट्रपति के. आर. नारायण ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी .
- 9 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश के 13 जिलो को अलग कर देश के 27 वे तथा हिमालयी राज्यों में 11 वे राज्य के रूप में उत्तराँचल राज्य का गठन किया गया, तथा 1 जनवरी 2007 से इसका नाम उत्तराखंड हो गया.
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2. आधएतिहासिक काल
3. ऐतिहासिक काल ( प्राचीन काल , मध्य काल , आधुनिक काल )
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garh desh seva sangh ki sthapna 1936 hai