बिहार का इतिहास : मध्य काल (History of Bihar)
बिहार का इतिहास : मध्य काल
(History of Bihar : Medieval Period)
बिहार में मध्यकाल में गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, नूहानी वंश, चेर वंश, मुग़ल वंश आदि राजवंशो ने शासन किया
गुलाम वंश
- गुलाम वंश की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ई. में की वह मुहम्मद गौरी का गुलाम था
- कुतुबुद्दीन ऐबक की राजधानी लाहौर थी
- कुतुबुद्दीन ऐबक को लाल बख्श के नाम से भी जाना जाता था
खिलजी वंश
- खिलजी वंश का संस्थापक जलालुद्दीन फिरोज खिलजी था
- 1296 में जलालुद्दीन फिरोज खिलजी की हत्या करके उसका भतीजा अलाउद्दीन खिलजी शासक बना
- अलाउद्दीन खिलजी ने बिहार के दरभंगा पर फतह हासिल करने के लिए शेख मोहम्मद इस्माइल को भेजा लेकिन वहां के राजा सकरा सिंह ने उसे पराजित कर दिया लेकिन कुछ समय बाद अलाउद्दीन खिलजी ने पुनः आक्रमण कर उन्हें अपना सहयोगी बना लिया
तुगलक वंश
- तुगलक वंश की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने 1320 ई. में की
- गयासुद्दीन तुगलक ने 1324 ई. में बंगाल अभियान से लौटते समय उत्तर बिहार के कर्नाट वंशीय शासक हरिसिंह देव को पराजित किया।
- तुगलक शासन के दौरान बिहार के दरभंगा को तुगलकपुर कहा जाता था
नुहानी वंश
- नुहानी वंश सिकंदर लोदी के दिल्ली की गद्दी हासिल करने के बाद अस्तित्व में आया
- इस वंश का राजा दरिया खान था और बहार खान उसका उत्तराधिकारी हुआ जिसने ‘सुलतान मोहम्मद’ की उपाधि धारण की थी
शेरशाह सूरी
- शेरशाह सूरी का वास्तविक नाम फरीद खाँ था
- शेरशाह सूरी का पिता हसन बिहार के सासाराम का जमींदार था
- शेरशाह सूरी का मखबरा बिहार के सासाराम शहर में स्थित है
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