राजस्थान में सिंचाई व्यवस्था – Irrigation System in Rajasthan
राजस्थान में सिंचाई व्यवस्था – Irrigation System in Rajasthan
राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य है यहाँ की अधिकांस कृषि सिंचाई पर निर्भर है क्योंकि राजस्थान एक मरुस्थलीय प्रदेश है और यहाँ वर्षा बहुत कम होती है
राजस्थान के प्रमुख सिंचाई साधन निम्नलिखित है
- कुएं व नलकूप
- नहरें
- तालाब
कुएं व नलकूप
राजस्थान में सिंचाई के लिए कुओं व नलकूपों का उपयोग सर्वाधिक किया जाता है राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 70 % भाग कुओं व नलकूपों द्वारा सिंचित होता है |
नहरें
राजस्थान में नहरें सिंचाई का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण साधन है राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 26 % भाग नहरों द्वारा सिंचित है|
राजस्थान की प्रमुख नहरें
- गंग नहर – गंग नहर का निर्माण 1927 में महाराजा श्री गंगा सिंह द्वारा करवाया गया इसकी किल लम्बाई 137 किमी है इस नाहर के द्वारा श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में सिंचाई होती है |
- भरतपुर नहर – यह नहर यमुना से निकालने वाली आगरा नहर से निकली गयी है, भरतपुर नहर निर्माण 1906 में किया गया इसकी कुल लम्बाई 28 किमी है इस नहर के द्वारा भरतपुर जिले में सिंचाई की जाती है|
- गुडगाँव नहर – यह नहर यमुना नदी से निकलती है इसकी कुल लम्बाई 58 किमी है तथा इससे भरतपुर जिले के कुछ हिस्सों में सिंचाई की जाती है|
तालाब
राजस्थान में राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 3%भाग तालाबों द्वारा सिंचित होता है|
राजस्थान के प्रमुख तालाब व सम्बंधित जिलें
- हेमवास – पाली
- खरडा – पाली
- मुथाना – पाली
- दांतीवाडा – पाली
- मेजा – भीलवाड़ा
- सरेरी – भीलवाड़ा
- खारी – भीलवाड़ा
- बागोलिया – उदयपुर
- मुरलिया – चित्तौडगढ
- सेनापानी – चित्तौडगढ
- वानकिया – चित्तौडगढ
- हिंडोली – बूंदी
- कीर्तिमोरी – बूंदी
- बारेठ – भरतपुर
- पार्वती – भरतपुर
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