मध्य प्रदेश का इतिहास (History of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश का इतिहास (History of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंक महत्वपूर्ण राज्य है पाषाण काल से लेकर आधुनिक काल तक इस राज्य की इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है
यहाँ हम मध्य प्रदेश के इतिहास का अध्यन उसे चार भागो में बांटकर करेंगे
यहाँ हम मध्य प्रदेश के इतिहास का अध्यन उसे चार भागो में बांटकर करेंगे
- पाषण काल या ताम्र काल
- प्राचीन काल
- मध्यकाल
- आधुनिक काल (स्वंत्रता संग्राम)
मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान : एक परिचय
पाषण काल या ताम्र काल
- मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व मोहनजोदड़ो व हड़प्पा की समकालीन सभ्यता का विकास हुआ जिसके मुख्य केंद्र महेश्वर, नागदा, कामका, वरखेडा, एरण आदि माने जाते है | इन स्थानों से खुदाई करके धातु के बर्तन , औजार , म्रदुभांड आदि मिले है
प्राचीन काल
- प्राचीन भारत के 16 महाजनपदो में से अवन्ती महाजनपद मध्य प्रदेश में स्थित था जिसकी राजधानी महिष्मति व उज्जैनी थी
- मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के सीरोहा तहसील के रूपनाथ गाँव की एक चट्टान पर अशोक का शिलालेख अंकित है
- मध्य प्रदेश के उज्जैनी , निमाड़ , साँची (रायसेन) और भरहुत (सतना) में अशोक ने स्तूपों का निर्माण करवाया
- सम्राट अशोक ने रूपनाथ (जबलपुर) , पवाया, बेसनगर, एरण आदि स्थानों पर स्तम्भ स्थापित कराये
- भारत में 320 से 510 ई. तक गुप्त वंश का शासन रहा इस वंश के सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने उज्जैनी को अपनी राजधानी बनाया जो वर्तमान मध्य प्रदेश में स्थित है
- गुप्त वंश के अंत के बाद मध्य प्रदेश पर अनेक छोटी बड़ी शक्तियों ने शासन किया
मध्यकाल
- मध्यकालीन इतिहास के प्रारंभ में मध्य प्रदेश में अनेक छोटे बड़े राज्य थे जिनमे से अधिकांस पर राजपूतो का शासन था
- मध्य प्रदेश के मालवा में परमारों का , विंध्य प्रदेश में चंदेलो व महाकौशल में कलचुरियों का शाशन था
- मध्य प्रदेश के मध्यकालीन इतिहास में राजा भोज का महत्वपूर्ण स्थान है इन्होने भोपाल नगर की स्थापना की थी
- 11 वी शताब्दी में मध्य प्रदेश के इतिहास में एक नए युग का प्रारंभ हुआ सन 1019 में महमूद गजनी ने ग्वालिअर पर आक्रमण किया व वहां के राजा को पराजित कर दिया
- इसके बाद सन 1197 में मुहम्मद गौरी ने भी ग्वालिअर पर आक्रमण किया व इसे दिल्ली संतनत में सामिल कर दिया
- 1526 के पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद बाबर ने भी मध्य प्रदेश के ग्वालिअर, चंदेरी, व रायसेन पर अधिकार कर लिया
- मध्य प्रदेश के इतिहास में सत्रहवी शताब्दी में मराठो का उदय हुआ पेशवा बाजीराव ने मध्य प्रदेश के कई हिस्सों को अपने अधिकार में ले लिया
- अंग्रेजो ने पेशवा बाजीराव को 1818 में पराजित किया
आधुनिक काल (स्वतंत्रता संग्राम)
- भारत के स्वंत्रता आन्दोलन में भी मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है 1857 के प्रथम स्वंत्रता संग्राम में राज्य में भी अंग्रेजो के खिलाप अनेक विद्रोह हुए जिनमे से नागपुर का विद्रोह प्रमुख है
- इस समय नागपुर के शासक अप्पाजी भोंसले थे जिनसे अंग्रेजो ने इनके राज्य के कई क्षेत्र हासिल करने की कोशिश की जिसके बाद अप्पाजी ने अरबी सैनिको की सहायता से मुलताई (बैतूल) के समीप अंग्रेजो से युद्ध किया जिसमें अप्पाजी को पराजित होकर भागना पड़ा
- मध्य प्रदेश के दुर्गा शंकर मेहता ने गांधी चौक पर नमक बनाकर नमक सत्याग्रह में योगदान दिया
- जबलपुर में सेठ गोविन्ददास एवं पं. द्वारिका प्रशाद मिश्र की अगवाई में नमक सत्याग्रह का आरम्भ किया गया
- 1930 में राज्य में हुये जंगल सत्याग्रह आन्दोलन में सेठ गोविन्ददास , पं. माखनलाल चतुर्वेदी , पं. रविशंकर शुक्ल , पं. द्वारिका प्रसाद मिश्र तथा विष्णु दयाल भार्गव को गिरफ्तार कर लिया गया व उनपर राजद्रोह का मुक़दमा चलाया गया
- सन 1931 में स्त्री सेवादल की स्थापना की गयी व 1935 में प्रजा परिषद की स्थापना की गयी जिसने किशानो व मजदूरों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी
- 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और मध्य भारत की सभी रियासतों को मिलकर मध्य भारत राज्य का गठन किया गया
- वर्तमान मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवम्बर 1956 को हुई व 1 नवम्बर 2000 को इसका विभाजन कर छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया
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