
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे : हिमाचल प्रदेश, अपनी पर्वत श्रृंखलाओं और दुर्गम भूभाग के लिए प्रसिद्ध, कई प्रमुख दर्रों (Passes) का घर है। ये दर्रे हिमाचल प्रदेश को सांस्कृतिक, व्यापारिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं। हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है जहां अनेक पर्वत व घाटियां है दो पहाड़ों के बीच से गुजरने वाले रास्तों को ही दर्रा कहा जाता है यह दो प्रमुख स्थानों को जोड़ता है यहाँ हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रों का विवरण दिया गया है:
Table of Contents
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे (Passes of Himachal Pradesh)
दर्रा | कहाँ से कहाँ तक | ऊंचाई (मीटर) |
---|---|---|
मानिरंग | किन्नौर से स्पीति | 6593 |
परांगला | लद्दाख से चुमार | 5580 |
पिन पार्वती | कुल्लू से स्पीति | 5320 |
काँगला | स्पीति से लद्दाख | 5250 |
शिलुंग | लाहौल स्पीति से कारगिल (जम्मू-कश्मीर) | 5091 |
कुगती | चम्बा से पांगी | 4961 |
छबिया | लाहौल से भरमौर | 4934 |
बारालाचा | स्पीति से लद्दाख | 4890 |
निकोंडा | कांगड़ा से भरमौर | 4751 |
कालीनचो | चम्बा व पांगी के बीच | 4729 |
दराती | चम्बा से पांगी | 4720 |
कुंजम | स्पीति से लाहौल | 4590 |
तमसर | कांगड़ा से बड़ा भंगाल | 4572 |
शिपकीला | किन्नौर से तिब्बत | 4500 |
साच | चम्बा से पांगी | 4420 |
हमता | कुल्लू से स्पीति | 4336 |
रोहतांग | कुल्लू से लाहौल | 3978 |
जालसू | कांगड़ा से भरमौर | 3658 |
चुआरी | चम्बा से कांगड़ा | 3150 |
जलोरी | कुल्लू | 3135 |
पदरी | चम्बा से भद्रबाह (जम्मू) | 3050 |
दुलची | मंडी और कुल्लू | 2788 |
बसदां | चम्बा और भटियार के बीच | 2400 |
रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass)
- स्थान: कुल्लू और लाहौल-स्पीति घाटियों को जोड़ता है।
- ऊँचाई: लगभग 3,978 मीटर।
- विशेषता:
- यह दर्रा मनाली को लेह-लद्दाख और स्पीति घाटी से जोड़ता है।
- पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
- यहाँ से पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
- महत्व: रोहतांग दर्रा रणनीतिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
कुंजुम दर्रा (Kunzum Pass)
- स्थान: लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच।
- ऊँचाई: लगभग 4,551 मीटर।
- विशेषता:
- यह दर्रा मनाली-लेह मार्ग का हिस्सा है।
- कुंजुम माता का मंदिर यहाँ स्थित है।
- ट्रेकिंग और एडवेंचर के शौकीनों के लिए खास स्थान।
- महत्व: स्पीति घाटी के प्रवेश द्वार के रूप में प्रसिद्ध।
बारालाचा दर्रा (Baralacha Pass)
- स्थान: लाहौल और लेह (लद्दाख) के बीच।
- ऊँचाई: लगभग 4,890 मीटर।
- विशेषता:
- इसे “पासों का पास” कहा जाता है क्योंकि यह कई मार्गों को जोड़ता है।
- दर्रे से भगा और चंद्रा नदियाँ निकलती हैं।
- मनाली-लेह हाईवे पर एक महत्वपूर्ण स्थान।
- महत्व: ऐतिहासिक और व्यापारिक मार्ग के रूप में प्रसिद्ध।
बब्बा दर्रा (Baba Pass)
- स्थान: किन्नौर और स्पीति को जोड़ता है।
- ऊँचाई: लगभग 4,500 मीटर।
- विशेषता:
- यह दर्रा दुर्गम है और केवल गर्मियों में यात्रा के लिए खुला रहता है।
- स्थानीय व्यापार और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण।
जलसू दर्रा (Jalsu Pass)
- स्थान: चंबा और कांगड़ा घाटी के बीच।
- ऊँचाई: लगभग 3,550 मीटर।
- विशेषता:
- यह दर्रा तीर्थयात्रियों और ट्रेकर्स के लिए एक लोकप्रिय मार्ग है।
- धौलाधार पर्वत श्रृंखला का हिस्सा।
- महत्व: धार्मिक यात्राओं और ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध।
शिपकी दर्रा (Shipki La Pass)
- स्थान: किन्नौर जिले में, भारत-चीन सीमा पर।
- ऊँचाई: लगभग 3,849 मीटर।
- विशेषता:
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच व्यापारिक मार्ग है।
- सतलुज नदी इस दर्रे से होकर गुजरती है।
- महत्व: भारत-तिब्बत व्यापार और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण।
भाबा दर्रा (Bhaba Pass)
- स्थान: किन्नौर और स्पीति घाटी के बीच।
- ऊँचाई: लगभग 4,850 मीटर।
- विशेषता:
- यह ट्रेकर्स के लिए एक चुनौतीपूर्ण मार्ग है।
- हरियाली और बर्फ का मिश्रित दृश्य।
- महत्व: साहसिक गतिविधियों और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध।
तंगलंगला दर्रा (Tanglang La Pass)
- स्थान: लाहौल और लेह के बीच।
- ऊँचाई: लगभग 5,328 मीटर।
- विशेषता:
- इसे दुनिया के सबसे ऊँचे मोटर योग्य दर्रों में से एक माना जाता है।
- महत्व: मनाली-लेह मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा।
धौलाधार दर्रे
- विशेषता:
- धौलाधार पर्वत श्रृंखला में कई छोटे-छोटे दर्रे हैं जो ट्रेकर्स और तीर्थयात्रियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- ये कांगड़ा और चंबा घाटियों को जोड़ते हैं।