Smeducation https://www.smeducation.in GK in Hindi Mon, 07 Oct 2024 13:42:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://www.smeducation.in/wp-content/uploads/2023/06/cropped-LOGGG-Copy-32x32.png Smeducation https://www.smeducation.in 32 32 Bihar Parichari old question papers and model papers https://www.smeducation.in/bihar-parichari-old-question-papers/ https://www.smeducation.in/bihar-parichari-old-question-papers/#respond Mon, 07 Oct 2024 13:34:30 +0000 https://www.smeducation.in/?p=5676 Read more

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Bihar Parichari old question papers

Bihar Parichari old question papers and model paper: बिहार कर्मचारी आयोग द्वारा सहायक परिचारी भर्ती अथवा परिचारी विशिष्ट के विभिन्न स्तरीय रिक्त पदों के लिए जल्द ही आवेदन शुरू होने वाले हैं। यदि आप भी इस भर्ती में शामिल होने के इच्छुक हैं तो हम आपको इस परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न पत्र व मॉडल पेपर उपलब्ध कर रहें है जिन्हे आप हमारे टेलेग्राम चैनल से सीधे pdf में डाउनलोड भी कर सकते हैं पीडीएफ़ डाउनलोड करने का सीधा लिंक नीचे दिया गया है।

Bihar Parichari old question papers and model paper

Bihar Parichari Sahayak Exam में कुल 100 प्रश्न होंगे जिसमें 30 प्रश्न सामान्य गणित, 40 प्रश्न सामान्य ज्ञान व 30 प्रश्न सामान्य हिन्दी के होंगे प्रत्येक प्रश्न 1-1 अंकों के होंगे। इन प्रश्नों को हल करने के लिए आपको दो घंटों का समय दिया जाएगा और negative marking का प्रावधान भी है प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काट दिए जाएंगे।

Bihar Parichari old question papers and model papers आप नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते है

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Pdf डाउनलोड करने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करके टेलेग्राम चैनल जोइन करें आपको पीडीएफ़ मिल जाएगी। यदि आपको पीडीएफ़ खोजने मे कोइ दिक्कत है तो चैनल ऐड्मिन से संपर्क करें।

Bihar Parichari परीक्षा की तैयारी कैसे करें।

जैसा की हमने आपको बताया इस परीक्षा में 30 प्रश्न सामान्य गणित, 40 प्रश्न सामान्य ज्ञान व 30 प्रश्न सामान्य हिन्दी के पूछे जाएंगे जिनका स्थर हाई स्कूल तक का होगा इस परीक्षा की तैयारी के लिए आप हाईस्कूल स्तर की किताबों का अध्ययन कर सकते हैं।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़कर आपने हमारे टेलेग्राम चैनल से Bihar Parichari old question papers and model papers को डाउनलोड कर लिया होगा , यदि किसी कारण आप पेपर प्राप्त नहीं कर पाए हैं तो नीचे कमेन्ट करें हम आपको प्रश्नपत्र जल्द उपलब्ध कर देंगे।

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Commerce Me Kitne Subject Hote Hai: कॉमर्स लेने से पहले जरूर जान लें https://www.smeducation.in/commerce-me-kitne-subject-hote-hai/ https://www.smeducation.in/commerce-me-kitne-subject-hote-hai/#respond Fri, 27 Sep 2024 06:35:07 +0000 https://www.smeducation.in/?p=5672 Read more

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Commerce Me Kitne Subject Hote Hai

Commerce Me Kitne Subject Hote Hai: आज के समय में काफी विधयार्थियों में वाणिज्य यानि कॉमर्स विषय काफी लोकप्रिय होता जा रहा है, और इस विषय का भविष्य वि काफी अच्छा है इसलिए अगर आप भी हाई स्कूल पास करने के बाद कॉमर्स लेने की सोच रहें है और आपको नहीं पता है की कॉमर्स में हमको कौन कौन से विषय पढ़ने पड़ेंगे तो यह पोस्ट आप ही के लिए है इसमें हम आपको बताएंगे की कॉमर्स में कितने विषय होते हैं Commerce subjects in Hindi

आज के समय में लोगों में फाइनैन्स के बारे में जागरूकता बढ़ती जा रही है इसलिए कॉमर्स एक याचा विषय है जिसे 11 वी से आप पढ़ सकते हैं अगर आपने इन्टर विज्ञान या कला से भी कर लिया है तो भी कोइ चिंता की बात नहीं है इसके बाद भी आप वाणिज्य में स्नातक यानि B.Com. कर सकते हैं और इसके बाद आप परास्नातक यानि एम कॉम भी कर सकते हैं आइए जानते हैं वाणिज्य में क्या क्या पढ़ना पड़ता है।

Commerce Me Kitne Subject Hote Hai: कॉमर्स लेने से पहले जरूर जान लें

कॉमर्स में मुख्य रूप से मार्केटिंग, अकाउंटिंग, बिजनेस, इकोनॉमी, गणित आदि विषय होते हैं इसके अतिरिक्त भाषाएं जैसे हिन्दी , अंग्रेजी या क्षेत्रीय भाषा , शारीरिक शिक्षा, पर्यावरण आदि विषय भी होते हैं।

मार्केटिंग में किसी वस्तु के खरीद, बिक्री प्रचार से संबंधित जानकारी होती है , बिजनेस में व्यापार से जुड़ी जानकारी, ईकानमी यानि अर्थशास्त्र में देश व विश्व की अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी होती है व गणित विषय तो कॉमर्स में आवश्यक है क्यूंकी किसी भी प्रकार की गणना गणित के बिना संभव नहीं है।

Commerce Subjects List in 11th and 12th

11वीं व 12 वीं कक्षा में कॉमर्स के निम्नलिखित मुख्य विषय होते हैं।

  • Accountancy
  • Business Studies
  • Economics
  • English
  • Mathematics
  • Informatics Practices/Physical Education

Commerce Subjects List in B.Com (Bachelor of Commerce)

बी कॉम तीन या चार वर्ष का स्नातक डिग्री कोर्स होता है जिसमें मुख्य विषय निम्न हैं इन विषयों को अलग – अलग विश्व विध्यालयों द्वारा अलग अलग वर्ष या सेमेस्टेर में पढ़ाया जा सकता है।

  • Accountancy
  • Business Studies
  • Economics
  • Project Management
  • Financial Management
  • Marketing
  • Digital Marketing
  • Cost Accounting
  • Human Resource Management (HRM)
  • Business Law
  • Information Technology
  • Constitutional Studies
  • Business Communication
  • International Business
  • Human Resource Development
  • Marketing Research
  • Supply Chain Management
  • Business Ethics
  • Entrepreneurship

और उपरोक्त विषयों में से ही कुछ चुनिंदा विषय उच्च डिग्री कोर्स में भी शामिल रहते हैं। जिसमें आप अपनी पसंद के अनुसार चयन कर सकते हैं।

Commerce Me Kitne Subject Hote Hai – FAQ,s

क्या कॉमर्स के विषय साइंस से कठिन होते है?

कोइ भी विषय कठिन या सरल आपकी पसंद के अनुसार होता है जिस विषय में आपकी रुचि हो वह चाहे कितना भी मुस्किल हो उसे आप आसानी से सीख सकते है यदि आपकी भी कॉमर्स मे रुचि है तो यह विषय बिल्कुल भी कठिन नहीं है।

कॉमर्स में मुख्य विषय कौन से हैं?

Accountancy, Business Studies और Economics कॉमर्स में मुख्य विषय हैं जो अधिकांश संस्थानों में अनिवार्य होते हैं बाकी विषयों का आप अपनी इच्छा अनुसार चयन कर सकते हैं।

12th के बाद कॉमर्स के लिए क्या – क्या विकल्प हैं?

12th के बाद बी कॉमकर सकते हैं इसके अलावा आप चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA), कंपनी सेक्रेटरी (CS) और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) इत्यादि कोर्स भी कर सकते हैं।

कॉमर्स के लिए नौकरी के क्या अवसर हैं?

कॉमर्स के स्टूडेंट बैंक या किसी भी वित्तीय संस्था में नौकरी कर सकते हैं इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या कॉस्ट अकाउंटेंट (CMA) का भी विकल्प है।

Conclusion

हमें उम्मीद है अब आप जान गए होंगे की कॉमर्स में कितने सब्जेक्ट होते हैं सरकारी नौकरी और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आप हमारी वेबसाईट को निरंतर विज़िट करें।

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MA political science notes in hindi pdf
M A political science notes in hindi pdf

MA political science notes in hindi pdf : राजनीतिक विज्ञान (Political Science) एक ऐसा विषय है, जो राजनीतिक प्रणालियों, सरकारों के व्यवहार, सार्वजनिक नीतियों, और राजनीतिक विचारधाराओं के सिद्धांतों का अध्ययन करता है। एम.ए. पॉलिटिकल साइंस करने वाले छात्रों के लिए यह यात्रा चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि इसे गहराई से समझने के लिए विभिन्न राजनीतिक घटनाओं का विश्लेषण आवश्यक होता है।

आज के डिजिटल युग में, पढ़ाई और नोट्स बनाने के पारंपरिक तरीके काफी बदल गए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण विकास है पीडीएफ (PDF) फॉर्मेट में नोट्स की उपलब्धता। अब छात्रों के पास अपनी पढ़ाई को आसान बनाने के लिए ढेरों रिसोर्सेज़ हैं। यह ब्लॉग पोस्ट आपको एम.ए. पॉलिटिकल साइंस के लिए पीडीएफ नोट्स ढूंढने, इस्तेमाल करने, और व्यवस्थित करने के तरीकों पर गाइड करेगी।

पीडीएफ फॉर्मेट में एम.ए. पॉलिटिकल साइंस नोट्स क्यों जरूरी हैं?

  1. सुविधा और एक्सेसिबिलिटी: पीडीएफ नोट्स को आप किसी भी डिवाइस पर एक्सेस कर सकते हैं जैसे कि लैपटॉप, टैबलेट, या स्मार्टफोन। इससे आप कभी भी, कहीं भी पढ़ाई कर सकते हैं। चाहे आप यात्रा कर रहे हों या किसी शांत जगह पर अध्ययन कर रहे हों, पीडीएफ फॉर्मेट में नोट्स होने से आप अपनी पढ़ाई बिना रुकावट के जारी रख सकते हैं।
  2. सर्चबिलिटी: पीडीएफ फाइल्स में सर्च करने की सुविधा होती है। यह हाथ से लिखे नोट्स के मुकाबले ज्यादा आसान होता है। आप किसी भी शब्द या टॉपिक को तुरंत ढूंढ सकते हैं, जो रिविजन के दौरान काफी समय बचा सकता है।
  3. आयोजन में आसानी: पीडीएफ नोट्स को आप आसानी से व्यवस्थित कर सकते हैं। आप उन्हें विषय, टॉपिक, या सेमेस्टर के हिसाब से कैटेगराइज़ कर सकते हैं। इससे आपकी सभी स्टडी मटीरियल्स सही तरीके से संगठित रहती हैं, और जरूरत पड़ने पर उन्हें ढूंढना आसान हो जाता है।
  4. सस्टेनेबिलिटी: डिजिटल नोट्स का उपयोग करने से कागज की खपत कम होती है, जो पर्यावरण के लिए बेहतर है। इससे प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती है और वेस्ट भी कम होता है।

एम.ए. पॉलिटिकल साइंस के प्रमुख क्षेत्र

पीडीएफ फॉर्मेट में पॉलिटिकल साइंस के नोट्स का सही से उपयोग करने के लिए यह समझना जरूरी है कि एम.ए. पॉलिटिकल साइंस के कोर्स में कौन-कौन से मुख्य टॉपिक्स कवर किए जाते हैं। हालांकि पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन निम्नलिखित टॉपिक्स आमतौर पर शामिल होते हैं:

  1. राजनीतिक सिद्धांत (Political Theory):
    राजनीतिक सिद्धांत में उन विचारों और दार्शनिकों का अध्ययन किया जाता है जिन्होंने सदियों से राजनीतिक सोच को आकार दिया है। इसमें प्लेटो, अरस्तू जैसे शास्त्रीय विचारकों से लेकर मार्क्स, रॉल्स और फूको जैसे आधुनिक सिद्धांतकारों तक के राजनीतिक विचारों का गहन अध्ययन किया जाता है।
  2. तुलनात्मक राजनीति (Comparative Politics):
    तुलनात्मक राजनीति के अंतर्गत विभिन्न देशों की राजनीतिक प्रणालियों की तुलना की जाती है। इसमें विभिन्न देशों के राजनीतिक ढांचे, प्रक्रियाओं, और परिणामों का अध्ययन शामिल है। प्रमुख विषयों में चुनावी प्रणाली, पार्टी सिस्टम, संघवाद, और तानाशाही शामिल हैं।
  3. अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations):
    अंतर्राष्ट्रीय संबंध देशों के बीच होने वाली इंटरैक्शन और ग्लोबल पॉलिटिक्स को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करता है। प्रमुख विषयों में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत, कूटनीति, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, वैश्विक सुरक्षा और विदेश नीति शामिल हैं।
  4. सार्वजनिक प्रशासन (Public Administration):
    सार्वजनिक प्रशासन में सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन और इस कार्यान्वयन का अध्ययन शामिल है। इसमें सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों का संगठन और अधिकारियों का व्यवहार शामिल होता है, जो इनका संचालन करते हैं।
  5. राजनीतिक अर्थव्यवस्था (Political Economy):
    राजनीतिक अर्थव्यवस्था राजनीति और अर्थशास्त्र के बीच संबंधों का अध्ययन करती है। यह इस बात पर ध्यान देती है कि राजनीतिक संस्थान, राजनीतिक वातावरण और आर्थिक प्रणाली एक-दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं। प्रमुख विषयों में पूंजीवाद, समाजवाद, वैश्वीकरण और आर्थिक नीतियां शामिल हैं।
  6. अनुसंधान पद्धति (Research Methodology):
    अनुसंधान पद्धति छात्रों को राजनीतिक विज्ञान अनुसंधान के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करती है। इसमें गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों तरीकों के साथ-साथ विभिन्न अनुसंधान डिज़ाइन, डेटा संग्रहण तकनीक, और डेटा विश्लेषण विधियां शामिल हैं।
  7. भारतीय राजनीतिक प्रणाली (Indian Political System):
    भारत की अनूठी राजनीतिक संरचना को ध्यान में रखते हुए, यह क्षेत्र भारतीय राजनीतिक प्रणाली की संरचना, प्रक्रियाओं और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रमुख विषयों में भारतीय संविधान, संघवाद, चुनावी राजनीति, और भारत में सार्वजनिक नीति शामिल हैं।

एम.ए. पॉलिटिकल साइंस नोट्स पीडीएफ फॉर्मेट में कहां से प्राप्त करें

उच्च गुणवत्ता वाले पीडीएफ नोट्स प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब ऑनलाइन बहुत सारे रिसोर्सेज उपलब्ध हों। यहाँ कुछ विश्वसनीय स्रोत दिए गए हैं, जहाँ से आप एम.ए. पॉलिटिकल साइंस के नोट्स प्राप्त कर सकते हैं:

  1. यूनिवर्सिटी वेबसाइट्स:
    कई विश्वविद्यालय अपने छात्रों के लिए लेक्चर नोट्स, रीडिंग मटीरियल और पिछले परीक्षा पत्र पीडीएफ फॉर्मेट में प्रदान करते हैं। अपनी यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट या स्टूडेंट पोर्टल को चेक करना एक अच्छा प्रारंभिक बिंदु हो सकता है।
  2. ऑनलाइन शैक्षिक प्लेटफ़ॉर्म्स:
    कोर्सेरा, edX, और स्वयम जैसी वेबसाइट्स पर पॉलिटिकल साइंस के मुफ्त और पेड कोर्सेज़ मिलते हैं, जिनमें पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करने योग्य नोट्स भी होते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म्स प्रसिद्ध संस्थानों और विशेषज्ञों से सामग्री प्रदान करते हैं।
  3. स्टूडेंट कम्युनिटी और फोरम्स:
    Reddit, Quora, और विशेष रूप से छात्र फोरम्स पर अक्सर थ्रेड्स होते हैं, जहाँ छात्र अपने नोट्स और अध्ययन सामग्री साझा करते हैं। इन समुदायों में शामिल होना आपको किसी विशिष्ट विषय या विषय पर पीडीएफ प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  4. लाइब्रेरी डेटाबेस:
    कई शैक्षिक लाइब्रेरियों के पास ऑनलाइन डेटाबेस होते हैं, जहाँ छात्र ई-बुक्स, जर्नल आर्टिकल्स, और अन्य संसाधनों तक पीडीएफ फॉर्मेट में पहुंच सकते हैं। JSTOR, Google Scholar, और Project MUSE लोकप्रिय डेटाबेस हैं जिनका उपयोग पॉलिटिकल साइंस के छात्र अक्सर करते हैं।
  5. शैक्षिक ब्लॉग्स और वेबसाइट्स:
    कई शैक्षिक ब्लॉग्स और वेबसाइट्स विशेष रूप से पॉलिटिकल साइंस के छात्रों के लिए सामग्री प्रदान करते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म्स मुफ्त डाउनलोड करने योग्य नोट्स, सारांश, और अध्ययन गाइड्स पीडीएफ फॉर्मेट में उपलब्ध कराते हैं। उदाहरण के लिए PoliticalScienceNotes.com और Studocu।
  6. सोशल मीडिया ग्रुप्स:
    पॉलिटिकल साइंस से संबंधित Facebook ग्रुप्स, WhatsApp स्टडी ग्रुप्स, या Telegram चैनल्स से जुड़ने से भी आपको पीडीएफ नोट्स मिल सकते हैं। ये ग्रुप्स अक्सर अध्ययन सामग्री, नोट्स और अन्य संसाधनों को साझा करते हैं।

अपने एम.ए. पॉलिटिकल साइंस पीडीएफ नोट्स को व्यवस्थित कैसे करें

अधिक मात्रा में पीडीएफ नोट्स का संग्रह तब तक उपयोगी नहीं होता जब तक आप उन्हें आसानी से एक्सेस और नेविगेट नहीं कर सकते। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने नोट्स को प्रभावी ढंग से व्यवस्थित कर सकते हैं:

  1. विषय के अनुसार श्रेणीबद्ध करें:
    प्रत्येक विषय या कोर्स के लिए फोल्डर्स बनाएं। उदाहरण के लिए, आप पॉलिटिकल थ्योरी, तुलनात्मक राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, आदि के लिए अलग-अलग फोल्डर्स बना सकते हैं।
  2. डिस्क्रिप्टिव फाइल नेम्स का उपयोग करें:
    जब आप अपनी पीडीएफ फाइल्स सेव करते हैं, तो डिस्क्रिप्टिव फाइल नेम्स का उपयोग करें जो आपको सामग्री को पहचानने में मदद करें। उदाहरण के लिए, “Lecture1.pdf” के बजाय “Political_Theory_Plato_Republic.pdf” का उपयोग करें।
  3. मास्टर इंडेक्स बनाएं:
    यदि आपके पास बहुत सारी पीडीएफ फाइल्स हैं, तो एक मास्टर इंडेक्स बनाने पर विचार करें। इसमें फाइल नेम्स के साथ उनकी सामग्री का संक्षिप्त विवरण और आपके डिवाइस पर उनकी लोकेशन शामिल करें।
  4. एनोटेशन टूल्स का उपयोग करें:
    कई पीडीएफ रीडर्स आपको टेक्स्ट को हाइलाइट करने, कमेंट्स जोड़ने, या पेजेस को बुकमार्क करने की सुविधा देते हैं। इन टूल्स का उपयोग अपने नोट्स में महत्वपूर्ण बिंदुओं को चिह्नित करने के लिए करें, जिससे रिवीजन के दौरान उन्हें दोबारा देखना आसान हो जाता है।
  5. रेगुलरली बैक-अप करें:
    हमेशा अपने नोट्स को Google Drive, Dropbox जैसे क्लाउड स्टोरेज प्लेटफ़ॉर्म्स पर बैकअप करें। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके डिवाइस जैसे लैपटॉप, टैबलेट, या स्मार्टफोन। इसका मतलब है कि आप कहीं भी और कभी भी अपने नोट्स का अध्ययन कर सकते हैं। चाहे आप यात्रा कर रहे हों या किसी शांत जगह पर पढ़ाई कर रहे हों, पीडीएफ फॉर्मेट में नोट्स होना आपको किसी भी समय सीखने का मौका देता है।
  6. सर्चेबिलिटी:
    पीडीएफ नोट्स का एक बड़ा फायदा यह है कि आप इनमें आसानी से सर्च कर सकते हैं। जहाँ हाथ से लिखे नोट्स में आपको पन्ने पलटने पड़ते हैं, वहीं पीडीएफ में आप किसी भी शब्द या टॉपिक को तुरंत ढूंढ सकते हैं। यह विशेष रूप से रिवीजन या परीक्षा की तैयारी के दौरान बहुत समय बचाता है।
  7. आयोजन में आसानी:
    पीडीएफ नोट्स को आप आसानी से व्यवस्थित कर सकते हैं। आप इन्हें टॉपिक, सब्जेक्ट या सेमेस्टर के अनुसार फोल्डर में बाँट सकते हैं। इससे आपकी सभी सामग्री एक सुव्यवस्थित तरीके से व्यवस्थित रहती है और आप जब चाहें, इसे तुरंत एक्सेस कर सकते हैं। इसके अलावा, आप एक डिजिटल लाइब्रेरी भी बना सकते हैं जिसे आप किसी भी समय उपयोग कर सकते हैं।
  8. सस्टेनेबिलिटी:
    प्रिंटेड नोट्स की जगह डिजिटल नोट्स का इस्तेमाल एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है। इससे कागज का उपयोग कम होता है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है और अपशिष्ट में भी कमी आती है

एम.ए. पॉलिटिकल साइंस में मुख्य क्षेत्र

  1. पीडीएफ फॉर्मेट में पॉलिटिकल साइंस नोट्स का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए, यह समझना जरूरी है कि एम.ए. पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम में कौन-कौन से मुख्य विषय शामिल हैं। हालांकि विश्वविद्यालय के अनुसार पाठ्यक्रम में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन सामान्य रूप से निम्नलिखित टॉपिक्स कवर किए जाते हैं:
  2. पॉलिटिकल थ्योरी:
    पॉलिटिकल थ्योरी में उन विचारों और दर्शन का अध्ययन किया जाता है, जिन्होंने राजनीतिक सोच को सदियों से आकार दिया है। इसमें प्लेटो और अरस्तू जैसे क्लासिकल थिंकर्स से लेकर मार्क्स, रॉल्स और फूको जैसे आधुनिक विचारकों के राजनीतिक विचार शामिल होते हैं। इस क्षेत्र में न्याय, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, और शक्ति जैसे राजनीतिक अवधारणाओं की गहरी समझ आवश्यक है।
  3. कंपेरेटिव पॉलिटिक्स:
    कंपेरेटिव पॉलिटिक्स विभिन्न देशों की राजनीतिक प्रणालियों की तुलना पर ध्यान केंद्रित करता है। इसमें राजनीतिक संरचनाओं, प्रक्रियाओं और परिणामों का अध्ययन किया जाता है ताकि पैटर्न और अंतर को पहचाना जा सके। इस क्षेत्र में चुनावी प्रणालियाँ, पार्टी प्रणालियाँ, संघवाद, और अधिनायकवाद (Authoritarianism) जैसे विषय शामिल होते हैं।
  4. इंटरनेशनल रिलेशंस:
    इंटरनेशनल रिलेशंस वह क्षेत्र है जिसमें राष्ट्रों के बीच की बातचीत और वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन किया जाता है। इसके मुख्य टॉपिक्स में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत, कूटनीति (Diplomacy), अंतरराष्ट्रीय संगठनों, वैश्विक सुरक्षा, और विदेश नीति शामिल हैं।
  5. पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन:
    पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सरकार की नीतियों को लागू करने और इस प्रक्रिया के अध्ययन पर केंद्रित है। यह सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के संगठन और उन्हें संचालित करने वाले अधिकारियों के व्यवहार का अध्ययन करता है।
  6. पॉलिटिकल इकॉनमी:
    पॉलिटिकल इकॉनमी राजनीति और अर्थशास्त्र के बीच संबंध का अध्ययन करता है। यह अध्ययन करता है कि कैसे राजनीतिक संस्थाएँ, राजनीतिक वातावरण, और आर्थिक प्रणाली एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। इस क्षेत्र के मुख्य विषयों में पूंजीवाद (Capitalism), समाजवाद (Socialism), वैश्वीकरण (Globalization), और आर्थिक नीतियाँ शामिल हैं।
  7. रिसर्च मेथडोलॉजी:
    रिसर्च मेथडोलॉजी छात्रों को राजनीतिक विज्ञान अनुसंधान के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करता है। इसमें गुणात्मक (Qualitative) और मात्रात्मक (Quantitative) दोनों विधियाँ शामिल होती हैं, साथ ही विभिन्न अनुसंधान डिजाइन, डेटा संग्रह तकनीक, और डेटा विश्लेषण के तरीके भी शामिल होते हैं।
  8. भारतीय राजनीतिक प्रणाली:
    भारत की अनूठी राजनीतिक संरचना को देखते हुए, इस क्षेत्र में भारतीय राजनीतिक प्रणाली की संरचना, प्रक्रियाओं, और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। मुख्य टॉपिक्स में भारतीय संविधान, संघवाद (Federalism), चुनावी राजनीति, और भारत में सार्वजनिक नीति शामिल हैं।

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महाकाव्‍य और खण्‍डकाव्‍य में अंतर लिखिए
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महाकाव्य एक विस्तृत और दीर्घकालिक काव्य रचना होती है जिसमें अनेक सर्ग या अध्याय होते हैं। इसमें किसी महान कथा, युद्ध, वीरता, या सामाजिक, धार्मिक विषयों का व्यापक वर्णन किया जाता है। उदाहरण: रामायण, महाभारत।
खंडकाव्य अपेक्षाकृत छोटा होता है और इसमें किसी एक घटना, प्रसंग या कथा का वर्णन किया जाता है। इसमें एक ही मुख्य पात्र या घटना का वर्णन किया जाता है। उदाहरण: मेघदूत, पंचवटी। महाकाव्‍य और खण्‍डकाव्‍य में अंतर निम्नलिखित हैं।

विशेषतामहाकाव्यखंडकाव्य
आकार और विस्तारविस्तृत और दीर्घकालिक, अनेक सर्ग या अध्यायछोटा, एक घटना या प्रसंग पर केंद्रित
कथानकविस्तृत और गहन, कई घटनाएँ और पात्र शामिलसीमित कथा, एक घटना या पात्र पर केंद्रित
पात्रों की संख्याअनेक प्रमुख और गौण पात्रसीमित पात्र, मुख्यतः एक या दो पात्र
समय और स्थानविस्तारित समय और स्थानसीमित समय और स्थान
विषयवस्तुनैतिकता, धर्म, राजनीति, समाज जैसे व्यापक विषयएक विशिष्ट घटना, प्रसंग, या व्यक्ति पर केंद्रित
शैलीभव्य, गंभीर, उच्च कोटि की भाषासरल, संक्षिप्त, सहज कथा प्रवाह

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गणित में वृत्तों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सूत्र इस प्रकार हैं:

परिधि (Circumference):
परिधि=2πr
यहाँ, r वृत्त की त्रिज्या है।

क्षेत्रफल (Area):
क्षेत्रफल=πr2
यहाँ, r वृत्त की त्रिज्या है।

व्यास (Diameter):
व्यास=2r
यहाँ, r वृत्त की त्रिज्या है।

केंद्र कोण द्वारा निर्धारित चाप की लंबाई (Arc Length based on Central Angle):
चाप की लंबाई=θ/360×2πr
यहाँ, θ केंद्र कोण (Degrees में) और r वृत्त की त्रिज्या है।

केंद्र कोण द्वारा निर्धारित खंड का क्षेत्रफल (Area of Sector based on Central Angle):
खंड का क्षेत्रफल=θ/360×πr2
यहाँ, θ केंद्र कोण (Degrees में) और r वृत्त की त्रिज्या है।

कोर्ड की लंबाई (Length of Chord):
कोर्ड की लंबाई=2rsin⁡(θ/2)
यहाँ, θ केंद्र कोण (Radians में) और r वृत्त की त्रिज्या है।

वृत्त के अंदर स्थित कोण (Angle inside the Circle):
कोण=θ/2
यहाँ, θचाप का कोण (Degrees में) है।

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कंप्यूटर के माउस कितने प्रकार के होते हैं?
mouse kitne prakar ke hote hai

कंप्युटर का उपयोग तो आप सभी ने किया ही होगा और माउस का उपयोग भी जरूर किया होगा आपने अलग अलग प्रकार के माउस भी देखे होंगे लेकिन क्या आप जानते है mouse kitne prakar ke hote hai कंप्यूटर के माउस कितने प्रकार के होते हैं?  इस पोस्ट में हम आपको कंप्युटर माउस के प्रकारों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

माउस क्या है?

माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर में कर्सर या पॉइंटर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह एक छोटा उपकरण होता है जिसे हाथ से चलाया जाता है, और इसके द्वारा स्क्रीन पर विभिन्न वस्तुओं को चुनने, खींचने, और छोड़ने जैसी क्रियाएँ की जा सकती हैं।

माउस में आमतौर पर दो बटन होते हैं – एक बायां और एक दायां बटन, और इनमें एक स्क्रॉल व्हील भी हो सकता है। बायां बटन सामान्यतः चयन करने के लिए और दायां बटन संदर्भ मेनू खोलने के लिए उपयोग किया जाता है। स्क्रॉल व्हील का उपयोग स्क्रीन पर पेज को ऊपर-नीचे करने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटर के माउस कितने प्रकार के होते हैं?  mouse kitne prakar ke hote hai

माउस दो मुख्य प्रकार के होते हैं:

  1. वायर्ड माउस (Wired Mouse): यह तार द्वारा कंप्यूटर से जुड़ा होता है।
  2. वायरलेस माउस (Wireless Mouse): यह बिना तार के काम करता है और इसे कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी या ब्लूटूथ का उपयोग किया जाता है।

माउस को कार्य करने की तकनीक के आधार पर भी तीन प्रकार से विभाजित किया जा सकता है।

(i) मेकैनिकल माउस

इस माउस में कर्सर या पॉइंटर की गति इसके नीचे लगे बॉल के घूमने पर निर्भर होती है। यह माउस सिस्टम यूनिट से तार के माध्यम से जुड़ा होता है। जब माउस को किसी समतल सतह या माउस पैड पर चलाया जाता है, तो बॉल घूमती है, जिससे स्क्रीन पर कर्सर नियंत्रित होता है।

(ii) ऑप्टिकल माउस

इस माउस में कर्सर की गति का निर्धारण डायोड या फोटोडायोड से निकलने वाली लाइट पर आधारित होता है। इसमें बॉल के बजाय फोटोडायोड का उपयोग किया जाता है। यह माउस ग्राफिकल यूजर इंटरफेस पर काम करता है और इसके निर्माण में एलईडी, ऑप्टिकल सेंसर, और डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग चिप का उपयोग होता है।

(iii) लेजर माउस

इस माउस में सामान्य एलईडी के स्थान पर इंफ्रारेड लेजर डायोड का उपयोग होता है। इसके संचार के लिए रेडियो तरंगों या पराबैंगनी तरंगों का प्रयोग किया जाता है, जिससे इसे तार की आवश्यकता नहीं होती। इस कारण इसे वायरलेस माउस भी कहा जाता है।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़ कर आप जान गए होंगे की mouse kitne prakar ke hote hai कंप्यूटर के माउस कितने प्रकार के होते हैं? 

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राजभाषा क्या है? राजभाषा की विशेषताएं , गुण व दोष
rajbhasha ki visheshtayen

rajbhasha ki visheshtayen, rajbhasha kise kahate hain, rajbhasha kya hai , राजभाषा किसे कहते हैं भारत की राजभाषा कौन सी है

राजभाषा का शाब्दिक अर्थ है “राज-काज की भाषा,” अर्थात् वह भाषा जो सरकारी कार्यों में प्रयुक्त होती है। पुराने समय में, राजाओं और नवाबों के दरबार में इसे ‘दरबारी भाषा’ कहा जाता था। राजभाषा सरकारी कामकाज की आवश्यकताओं से उत्पन्न होती है और इसका एक निश्चित मानक स्वरूप होता है जिसमें परिवर्तन या प्रयोग नहीं किया जा सकता। राजभाषा एक संवैधानिक शब्द है, जबकि राष्ट्रभाषा संवैधानिक रूप से मान्य नहीं है।

राजकीय काम – काग में प्रयोग की जाने वाली भाषा राजभाषा कहलाती है। राजभाषा राज्य के प्रशासनिक कार्यों में अपनाई जाती है। भारतीय संविधान के अनुसार हिन्दी भारत की राजभाषा है सात राज्यों में हिन्दी राजभाषा है। शेषराज्यो में अपनी – अपनी राज भाषाएँ है

भारत की राजभाषा कौन सी है (Official Language of India)

भारत की राजभाषा के रूप में “हिंदी” और “अंग्रेजी” दोनों भाषाओं को शामिल किया गया है। भारतीय संविधान के अनुसार, हिंदी के साथ-साथ 22 भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। इन भाषाओं में कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, बंगाली, असमी, उड़िया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली शामिल हैं। राज्य विधानसभाएं बहुमत के आधार पर एक या अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राजभाषा घोषित कर सकती हैं।

संविधान के भाग 17 और 8वीं अनुसूची में अनुच्छेद 343 से 351 तक इन 22 राजभाषाओं का उल्लेख किया गया है। केंद्र सरकार ने हिंदी और अंग्रेजी को अपनी राजभाषा के रूप में स्वीकार किया है, जबकि राज्यों की अपनी अलग-अलग राजभाषाएँ हैं।

14 सितम्बर 1949 को हिंदी को संवैधानिक रूप से राजभाषा घोषित किया गया, इसलिए हर साल 14 सितम्बर को “हिंदी दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

राजभाषा का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों के माध्यम से देश को एक राजनीतिक-आर्थिक इकाई में जोड़ना है। हालांकि, इसका प्रयोग-क्षेत्र सीमित होता है। वर्तमान में भारत सरकार के कार्यालयों और हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी का प्रयोग होता है, जबकि अन्य राज्य अपनी भाषाओं का उपयोग करते हैं, जैसे महाराष्ट्र में मराठी, पंजाब में पंजाबी, गुजरात में गुजराती।

राजभाषा की विशेषताएं

राजभाषा की निम्नलिखित विशेषताएं हो सकती हैं

  1. राजभाषा किसी भी देश की राजकीय काम काज की भाषा है।
  2. राजभाषा की मान्यता मिलने से उस भाषा का महत्व अधिक बड़ जाता है।
  3. शिक्षा का माध्यम, रेडियो दूरदर्शन, राजभाषा में होना चाहिए।
  4. भारत के संविधान में हिन्दी को राजभाषा माना गया है।
  5. भारतीय में वर्तमान में 22 राजभाषाएँ है- कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगू, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली।
  6. संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 345, 346 और अनुच्छेद 347 में राज्य की राजभाषाओं के संबंध में उल्लेख किया गया है। 

भारत के विभिन्न राज्यों की राजभाषाएं

राज्यराजभाषा
आंध्र प्रदेशतेलुगू
अरुणाचल प्रदेश अंग्रेज़ी
असमअसमिया
बिहारहिंदी
छत्तीसगढहिंदी
गोवाकोंकणी
गुजरातगुजराती
हरयाणाहिंदी
हिमाचल प्रदेश हिंदी
झारखंडहिंदी
कर्नाटककन्नडा
केरलमलयालम
मध्य प्रदेश हिंदी
महाराष्ट्रमराठी
मणिपुरमेइतिलोन (मणिपुरी)
मेघालयअंग्रेज़ी
मिजोरममिज़ो, अंग्रेजी और हिंदी
नगालैंडअंग्रेज़ी
ओडिशाउड़िया
पंजाबपंजाबी
राजस्थानहिंदी
सिक्किमअंग्रेज़ी
तमिलनाडुतामिल
तेलंगानातेलुगु और उर्दू
त्रिपुराबंगाली, अंग्रेजी और कोकबोरोक
उत्तर प्रदेशहिंदी
उत्तराखंडहिंदी
पश्चिम बंगालबंगाली

भारत के विभिन्न केंद्र शासित प्रदेशों की राजभाषाएं

केंद्र शासित प्रदेश का नामराजभाषा
अंडमान और निकोबार द्वीपहिंदी और अंग्रेजी
चंडीगढ़अंग्रेज़ी
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीवगुजराती, मराठी, कोंकणी और हिंदी
जम्मू और कश्मीरकश्मीरी, डोगरी, अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू
दिल्लीहिंदी
लद्दाखलद्दाखी, पुर्गी, हिंदी, अंग्रेजी
लक्षद्वीपमलयालम और अंग्रेजी
पांडिचेरीतामिल

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History ba 1st year book pdf in hindi
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History ba 1st year book pdf in hindi, BA में इतिहास की पढ़ाई शुरू करना एक रोमांचक अनुभव है। पहले साल में अच्छे से पढ़ाई करने के लिए सही किताबों का होना बहुत जरूरी है। अगर आप हिंदी में BA 1st Year की इतिहास की किताब की PDF खोज रहे हैं, तो यह पोस्ट आपकी मदद करेगी।

हम यहाँ आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने पाठ्यक्रम के लिए सही किताबें ढूंढ सकते हैं। हम अलग-अलग स्रोतों जैसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, और स्थानीय बुकस्टोर्स के बारे में जानकारी देंगे, ताकि आप आसानी से अपनी किताबें प्राप्त कर सकें।

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Course CodeCourse Name
EHI-01Modern India 1857-1964
EHI-02India: Earliest Times to the 8th Century A.D.
EHI-03History India From 8th to 15th Century
EHI-04India From 6th to Mid 18th Century
EHI-05India from Mid-18th to Mid-19th Century
EHI-06History of China and Japan (1840-1949)
EHI-07Modern Europe (Mid 18th to Mid 20th Centuries)

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Semester 1

BAHI(N)-101भारत का इतिहास प्रारंभिक काल से 300 ईस्‍वी तक4 Syllabus SLM
BAHI(N)-120भारतीय इतिहास में संकल्पनाएं, विचार तथा शब्दावली4 Syllabus SLM

Semester 2

BAHI(N)-201भारत का इतिहास 1200 ईस्वी से 1526 ईस्वी तक4 Syllabus SLM
BAHI(N)-220भारतीय संस्कृति4 Syllabus SLM

Semester 3

BAHI(N)-102भारत का इतिहास 300 ईस्वीम से 1200 ईस्वीव तक4Syllabus SLM

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Civil court bihar exam date, Admit card, result 2024

Bihar Civil Court Exam Date 2024: अपडेट और महत्वपूर्ण जानकारी

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Civil court bihar exam date क्या आप भी बिहार सिविल कोर्ट भर्ती परीक्षा, 2023 के अंतर्गत क्लर्क और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद के लिए परीक्षा देने वाले हैं और परीक्षा तिथि की प्रतीक्षा कर रहे हैं? इस लेख में हम आपको बिहार सिविल कोर्ट परीक्षा Civil court bihar exam date, Admit card, result 2024 की तिथि और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से बताएंगे। कृपया पोस्ट को पूरा पढ़ें।

Bihar Civil Court Exam Date 2024 – एक नज़र में

पद का नामक्लर्क और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी
परीक्षा की तिथि (पियून)सितंबर 2024 (पहला सप्ताह)
परीक्षा की तिथि (क्लर्क)सितंबर 2024 (पहला सप्ताह)
आधिकारिक वेबसाइटयहाँ क्लिक करें

परीक्षा की तिथि की प्रतीक्षा Civil court bihar exam date, Admit card, result 2024

हम इस लेख के माध्यम से उन सभी उम्मीदवारों का स्वागत करते हैं जो बिहार सिविल कोर्ट ग्रुप – सी भर्ती परीक्षा, 2023 में क्लर्क और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद के लिए शामिल होंगे। इस लेख में हम आपको Bihar Civil Court Exam Date 2024 के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे।

एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया Civil court bihar exam date, Admit card, result 2024

बिहार सिविल कोर्ट ग्रुप – सी के क्लर्क और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी पदों के लिए परीक्षा के एडमिट कार्ड को चेक और डाउनलोड करने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ – सबसे पहले, आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर जाएँ।
  2. लेटेस्ट अनाउंसमेंट सेक्शन – होम पेज पर “Latest Announcements” सेक्शन में जाएँ।
  3. परीक्षा तिथि का लिंक – वहाँ पर “Bihar Civil Court Exam Date 2024” के लिंक पर क्लिक करें।
  4. लॉगिन करें – लॉगिन पेज पर अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड दर्ज करें।
  5. एडमिट कार्ड डाउनलोड करें – लॉगिन के बाद आप अपना एडमिट कार्ड चेक और डाउनलोड कर सकते हैं।

पदवार रिक्तियों की जानकारी (Post Wise Vacancy Details of Bihar Civil Court Exam Date 2024)

पद का नामरिक्त पदों की संख्या
क्लर्क3,325 पद
आशुलिपिक1,562 पद
रीडर कम डिपोजिशन राइटर1,132 पद
चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी / पियून1,673 (पहले) 1,796 (अब)
कुल रिक्त पद7,692 पद

सम्पन्न हो चुकी परीक्षा तिथियाँ

पद का नामपरीक्षा की तिथि
आशुलिपिक17 दिसंबर 2023
रीडर कम डिपोजिशन राइटर17 दिसंबर 2023

हमने इस लेख में बिहार सिविल कोर्ट परीक्षा तिथि 2024 और एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी है। हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे लाइक, शेयर और कमेंट करें।

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UKPSC Lecturer Screening exam paper 21 March 2021 Solved Pdf
UKPSC Lecturer Screening exam paper

उत्तराखंड राज्य के राजकीय विधालयों में प्रवक्ताओं की भर्ती परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाती है पहला चरण सभी विषयों के लिए समान होता है और दूसरे चरण में विषय आधारित प्रश्न पत्र होता है । यहाँ 21 मार्च 2021 को आयोजित पहले चरण की परीक्षा UKPSC Lecturer Screening exam paper 21 March 2021 Solved का प्रश्न पत्र दिया गया है जो आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए आपके सहायक होगा।

  • परीक्षा की तिथि – 21 मार्च 2021
  • कुल प्रश्न – 100
  • शिक्षण अभिरूचि 40 प्रश्न , सामान्य अध्ययन 35 प्रश्न , उत्तराखण्ड राज्य सम्बन्धी ज्ञान 30 प्रश्न, सामान्य बुद्धि परीक्षण 25 प्रश्न, सामान्य हिन्दी 20 प्रश्न

Also check – UKPSC Uttarakhand Lecturer Screening Exam Syllabus 2024

UKPSC Lecturer Screening exam paper 21 March 2021 Solved

1- “एजुकेशन एण्ड मैन” पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
(A) डब्ल्यू.एच. किलपैट्रिक
(B) एफ.ए. फ्रोबेल
(C) एच.ई. आर्मस्ट्रांग
(D) हरबर्ट स्पेन्सर

2- ‘किण्डरगार्टन पद्धति’ के जन्मदाता थे
(A) एफ.ए. फ्रोबेल
(B) पेस्टालॉजी
(C) किण्डरगार्टन
(D) डीवी

3- शिक्षण का शिक्षण कौशलों के प्रयोग से विकसित होता है
(A) अधिगम
(B) शिक्षण
(C) परीक्षा
(D) मूल्यांकन

4- ‘वैल्यू (मूल्य)’ शब्द की उत्पत्ति हुई
(A) Valere से
(B) Valuere से
(C) Valai से
(D) इनमें से कोई नहीं

5- “अनुशासन प्रेम पर आधारित एवं नियंत्रित होना चाहिए”, यह कहा था
(A) जॉन डीवी ने
(B) पेस्टालॉजी ने
(C) टी.पी. नन ने
(D) रूसो ने

6- “डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम” के अन्तर्गत कितने क्षेत्र सम्मिलित हैं ?
(A) 07
(B) 08
(C) 09
(D) 10

7- सी.आई.ई.टी. का पूर्ण रूप है।
(A) सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नॉलोजी
(B) सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी
(C) कम्बाइण्ड इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एण्ड ट्रैनिंग
(D) कम्बाइण्ड इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी

8- ‘राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र सेवा इंक’ की स्थापना कब हुई ?
(A) 1997
(B) 1996
(C) 1994
(D) 1995

9- शिक्षकों हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार प्रारम्भ हुआ था
(A) 1966 में
(B) 1964 में
(C) 1957 में
(D) 1958 में

10- इनमें से कौन सा व्यक्तित्व विकास में सहायक है ?
(A) पाठ्यसहगामी क्रियाएँ
(B) परियोजना कार्य
(C) खेल
(D) ये सभी

11- कम्प्यूटर-सह-अनुदेशन (सी.ए.आई.) द्वारा अधिगम किस क्षेत्र में नहीं होता।
(A) संज्ञानात्मक क्षेत्र
(B) भावात्मक क्षेत्र
(C) क्रियात्मक क्षेत्र
(D) ये सभी

12- निम्नलिखित में से कौन सी शिक्षण विधि नहीं है ?
(A) प्रोजेक्ट
(B) प्रदर्शनी
(C) कहानी कथन
(D) ह्यूरिस्टिक

13- सी.ए.आई. (कम्प्यूटर सह-अनुदेशन) निम्नलिखित को सुगम बना सकती है :
(A) व्यक्तिगत अनुदेशन
(B) स्वगति से सीखना
(C) अधिगम में व्यक्तिगत आवश्यकता पर ध्यान देना
(D) ये सभी

14 – निम्नलिखित में कौन सा शिक्षण कौशल नहीं है ?
(A) उद्दीपन भिन्नता
(B) विन्यास प्रेरणा
(C) सत्ता की आलोचना करना
(D) खोजपूर्ण प्रश्न

15- सूक्ष्म-शिक्षण का उद्देश्य है
(A) शिक्षण विधियों का विकास करना
(B) शिक्षण कौशलों का विकास करना
(C) शिक्षण विषय का विकास करना
(D) शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का विकास करना

16- निम्नलिखित द्वारा दिए गए सिद्धांत पर अभिक्रमित अनुदेशन आधारित है :
(A) बी.एस. ब्लूम
(B) बी.के. पासी
(C) हरबर्ट स्पेन्सर
(D) बी.एफ. स्किनर

17- यू.जी.सी. की स्थापना हुई थी
(A) 1953
(B) 1956
(C) 1958
(D) 1960

18- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) में शिक्षा पर विचार किया गया है
(A) प्रत्यागमन के रूप में
(B) निवेश के रूप में
(C) राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में
(D) सामाजिक कार्यक्रम के रूप में

19- शिक्षण सहायक सामग्री किस उपागम से संबद्ध है ?
(A) बहुइन्द्रिय उपागम
(B) प्रणाली उपागम
(C) कठोरशिल्प उपागम
(D) मदशिल्प उपागम

20- ली थायर के अनुसार “सम्प्रेषण के मूल कार्यों को बाँटा जा सकता है”
(A) दो भागों में
(B) तीन भागो में
(C) चार भागों में
(D) पाँच भागों में

21- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन.सी.टी.ई.) की स्थापना हुई
(A) 1973 में
(B) 1986 में
(C) 1990 में
(D) 1991 में

22- कोठारी आयोग का गठन किया गया था
(A) 1964 में
(B) 1962 में
(C) 1950 में
(D) 1955 में

23- “सभी राज्यों में कम्प्रीहेन्सिव कॉलेजों की स्थापना की जाय”, यह सुझाव किसका है?
(A) राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986
(B) कोठारी आयोग
(C) राधाकृष्णन आयोग
(D) इनमें से कोई नहीं

24- शिक्षण कार्य के मुख्य घटक हैं
(A) शिक्षक – छात्र – अभिभावक
(B) शिक्षक – छात्र – प्रधानाचार्य
(C) शिक्षक – छात्र – पाठ्यक्रम
(D) शिक्षक और छात्र

25- मूल्यांकन के क्षेत्र हैं
(A) सीमित
(B) असीमित
(C) संकुचित
(D) विस्तृत

26- निम्नांकित कथनों में से कौन सा सत्य नहीं है ?
(A) शिक्षण एक कला है।
(B) शिक्षक प्रशिक्षित किए जा सकते हैं।
(C) शिक्षक जन्मजात होते हैं।
(D) ये सभी

27- बहुउद्देशीय विद्यालयों की अवधारणा प्रस्तुत की गई थी
(A) वुड-घोषणा पत्र द्वारा
(B) विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग द्वारा
(C) माध्यमिक शिक्षा आयोग द्वारा
(D) शिक्षा आयोग द्वारा

28- राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना प्रारम्भ हुई थी
(A) 1980 में
(B) 1990 में
(C) 2009 में
(D) 2000 में

29- ‘रूसा’ का पूरा रूप है
(A) राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान
(B) राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान
(C) राष्ट्रीय उच्चतम शिक्षा अभियान
(D) राष्ट्रीय यूनाइटेड शिक्षा अभियान

30- निम्नलिखित में से कौन सा कार्य कम्प्यूटर का नहीं है ?
(A) परीक्षण आँकड़ों का प्रक्रियाकरण
(B) लेखा-परीक्षण हेत
(C) मूल्य विकास
(D) शिक्षण की न्यनापूर्ति

31- ग्रामों में उच्च शिक्षा की आवश्यकता को सर्वप्रथम इंगित करने का श्रेय किसे दिया जाता है ?
(A) राममूर्ति समिति
(C) शिक्षा आयोग
(B) राष्ट्रीय शिक्षा नीति
(D) विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग

32- एन.सी.टी.ई. का मुख्य कार्यक्षेत्र है
(A) विद्यालयी शिक्षा
(B) शिक्षक शिक्षा
(C) प्रारम्भिक शिक्षा
(D) माध्यमिक शिक्षा

33- राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष थे
(A) डॉ. मुरली मनोहर जोशी
(B) श्रीमती स्मृति इरानी
(C) सैम पित्रोदा
(D) इनमें से कोई नहीं

34- ‘शाला दर्पण’ परियोजना का संबंध है
(A) केन्द्रीय विद्यालयों से
(C) राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों से
(B) जवाहर नवोदय विद्यालयों से
(D) आदर्श विद्यालयों से

35- आर.टी.ई. एक्ट की किस धारा के अन्तर्गत गैर-सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों के 25% स्थान आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों हेतु आरक्षित हैं ?
(A) 12(1)C
(B) 12(1)B
(C) 12(1)A
(D) इनमें से कोई नहीं

36- डिजिटल जेण्डर एटलस बालिकाओं से संबंधित है।
(A) अनुसूचित जाति के
(B) अनुसूचित जनजाति के
(C) मुस्लिम समुदाय के
(D) ये सभी से

37- ‘जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना के सिफारिश का आधार था
(A) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986
(B) शिक्षा आयोग
(C) माध्यमिक शिक्षा आयोग
(D) पिछड़ा वर्ग आयोग

38- माध्यमिक शिक्षा आयोग के अध्यक्ष थे
(A) डॉ. राधाकृष्णन
(B) एल.एस. मुदालियर
(C) डी.एस. कोठारी
(D) के.जी. सैय्यदन

39- राधाकृष्णन् आयोग का मुख्य संबंध था
(A) अध्यापक शिक्षा
(B) महिला शिक्षा
(C) उच्च शिक्षा
(D) तकनीकी शिक्षा

40- इण्डिपेन्डेन्ट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी फॉर हायर एजुकशन की स्थापना की सिफारिश की थी
(A) एन.के.सी. ने
(B) ए.के.सी. ने
(C) ए.आई.सी.टी.ई.ने
(D) एन.सी.टी.ई. ने

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